जगदलपुर। छत्तीसगढ़ शिक्षक मोर्चा के प्रांतीय आहवान पर बस्तर जिले के हजारों शिक्षकों ने गुरुवार को सामूहिक अवकाश पर रहकर स्थानीय मंडी प्रांगण में धरना प्रदर्शन में बैठे। जिसका व्यापक असर जिले के स्कूलों में देखने को मिला, स्कूलों में शिक्षक की अनुपस्थिति में खेलते नजर आये तथा स्कूलों में माध्यन्ह भोजन के पश्चात् सुने नजर आये। साथ ही जिले भर के सीएसी ने कलमबंद कर हड़ताल में शामिल हुए। साथ ही पंचायत तथा नगरीय निकाय निर्वाचन कार्य व प्रशिक्षण से भी किनारा किया।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार साथ एलबी संवर्ग के शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति तिथि से पूर्व सेवा की गणना, वेतन विसंगति दूर करने, क्रमोन्नति- समयमान प्रदान करने, नियुक्ति तिथि से पुरानी पेंशन देने सहित देय तिथि से एरियर्स के साथ केंद्र के समान डीए प्रदान करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे है। विदित हो कि इसमें से अधिकांश मांगे वर्तमान सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में मोदी कि गारंटी के रूप में समाहित है। जिसे लेकर शिक्षकों ने जमकर हल्ला बोला।
शिक्षक नेताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार जब विपक्ष में थी तब इन्हीं के नेता मांगों के शिक्षकों की मांगों समर्थन में धरना स्थल पर पहुंच कर तत्कालीन सरकार को जमकर कोसती थी और सत्ता में आने के बाद मांगें पूरा करने का संकल्प लेती थी, परन्तु अब सत्ता में आने के बाद सरकार कुम्भकरणी निद्रा में चले गई है। सरकार को कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सभा से जमकर हल्ला बोला गया। साथ ही धरना स्थल मंडी प्रांगण से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, वित्त मंत्री सहित विभागीय सचिवों के नाम ज्ञापन व मांगपत्र सौंपा गया। शिक्षक मोर्चा के संचालको ने इस दौरान यह भी घोषणा की है कि मांगें यदि शीघ्र पूरा नहीं हुई तो आने वाले दिनों में स्कूलों में तालाबंदी क़र राजधानी रायपुर में अनिश्चितकालीन उग्र आंदोलन किया जायेगा।
ये रहे उपस्थित
इस दौरान प्रवीण श्रीवास्तव, शिव सिंह चंदेल, राजेश गुप्ता, देवराज खूंटे, मोहम्मद ताहीर शेख, गणेश्वर नायक, मंगलराम मौर्य, सुधीर दुबे, अमित पॉल, दुर्गा वर्मा, कमला शर्मा, भूमिका निषाद, पुष्पा मानिकपुरी, फूलदास नागेश, हरेंद्र राजपूत, तुलादास मानिकपुरी, नीलमणी साहू, संतोष सोनवानी, गजराज सिंह, लुदरसन कश्यप, अधीन शोरी, महेन्द्र ठाकुर, शामूराम मौर्य, काशीनाथ बघेल, मनीष ठाकुर, कमलसाय कश्यप, शत्रुघन कश्यप, मेहताब सिंह बघेल, अमित अवस्थी,कौशल्या शोरी, हेमन्त मंडावी, भुवनेश्वर नाग, ईश्वर लाल बन्धैइया , कृष्ण लाल गंधरला, आर एन भारद्वाज, अकबर खान, नवीन देवांगन , शरद श्रीवास्तव, विनय सिंह, मनोहर ध्रुव, एस एस जॉन, ओमप्रकाश पटेल , हीर सिंह सिहारे, रामप्रसाद ठाकुर, अनुपम सरकार, राम किशोर नेताम अनिल कश्यप, संजीव श्रीवास्तव,संदीप भगत, पवन भट्ट,महेन्द्र मंडावी, वेणुधर जोशी, सुनील सिंह, नीलम झा, हर्षा बघेल, गेंद कुमारी तिवारी, कविता जॉन, पूनम सेठिया, मीना कश्यप, बिजेशवरी पोद्दार, आरती सिंह, एन के झा, सतीश लोनहारे, अनिल खंडालकर, सोमेश दास, लिलेश देवांगन, मनीष अहीर, हरिराम वेदव्यास, पवन समरथ सहित हजारों की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।