रायपूर। CG NEWS : जिला गरियाबंद सहित छत्तीसगढ़ में हाथी का आतंक लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाथियों द्वारा हजारों एकड़ जमीन की फसल बर्बाद किया जा चूका हैं व सैकड़ों आदमी की जान ले चुके हैं और हजारों घर उजाड़ चुके हैं। किसान हाथी की भय से हजारों एकड़ जमीन को पड़त छोड़ चुके हैं। सरकार द्वारा उचित मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण हाथी प्रभावित क्षेत्र के आदिवासी व अन्य लोग काफी भयभीत और चिंतित है। वहीं ग्रामीणों ने निवेदन करते हुए निम्न मांगो को शीघ्र पूरा करने की मांग की है।
(1) हाथियों द्वारा: फसल को नुकसान पहुंचने पर प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 75000.00 (पचहत्तर हजार रूपये) की मुआवजा राशि दिया जाए।
(2) हाथियों के द्वारा किसी व्यक्ति की जान ले लेने पर एक करोड़ की मुआवजा राशि दिया जाए।
(3) हाथियों द्वारा घरों पर किए जा रहे हमले को ध्यान में रखते हुए, हाथी प्रभावित क्षेत्र के सभी ग्रामीणों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के राशि को बढ़ाकर 5 लाख किया जाए।
(4) गूगल मैप में ग्राम पंचायत जिडार सहित गरियाबंद जिले के कई पंचायत क्षेत्र को एकाएक सोनाबेड़ा वाइल्डलाइफ सेंचुरी बता रहा है, जिसे शीघ्र निरस्त किया जाए।
(5) यदि मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो हमें स्वतंत्र किया जाए।
वन विभाग द्वारा जंगलो में हो रही कूप कटाई पर रोक लगाया जाना चाहिए, बगैर ग्राम सभा के जंगलो की कटाई नहीं किये जाने की बात कही गई। हाथियों से मारे जाने पर दिए जाने वाले मुआवजा की राशि भीं बढ़ाने की बात आंदोलन करने की बात भी कही गई है। कहा बताये की हाथी के द्वारा कुचले जाने पर मिलने वाले मुआवजा राशि 4 लाख राशि हैं जो की अप्रयाप्त हैं। वर्तमान में किसानो के खेत को हाथियों से नुकसान होने पर हजार का मुआवजा मिल रहा हैं जिसे किसानो को बहुत नुकसान हो रहा हैं, बताया की यह तो आंदोलन का प्रारम्भिक चेतावनी रैली हैं, जिले के मैनपुर ब्लाक के 20 से ज्यादा ग्राम पंचायत प्रभावित हैं।