उज्जैन: धार्मिक नगरी उज्जैन में हर पर्व त्यौहार पर विशेष धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है उज्जैन के पुराने शहर में नई पेठ में गजलक्ष्मी माता जी का करीब 2000 वर्ष प्राचीन मंदिर जहां पर महिलाओं को सुहाग का सिंदूर वितरित किया जाता है.
मंदिर में आज सुबह से ही दर्शन के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही यहां पुजारी परिवार की तरफ से सुहाग पड़वा के दिन महिलाओं को सुहाग का सिंदूर दिया गया।
मान्यता यह है कि यहां का सिंदूर घर में संभाल कर रखने से हमेशा माता जी की कृपा बरसती है। घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
हालांकि दीपावली के एक दिन बाद यह सिंदूर महिलाओं को प्रसाद के रूप में दिया गया। मंदिर में दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर गुरुवार को मनाया गया। शुक्रवार को अमावस्या होने की वजह से शनिवार को सुहाग पड़वा मनाई गई है।मंदिर के पुजारी ने बताया कि महालक्ष्मी मंदिर में सुहाग पड़वा के दिन महिलाओं को सिंदूर वितरण किया जाता है। साल भर मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए जाने वाला सिंदूर पुजारी परिवार संभाल कर रखते हैं। इसके बाद साल में एक बार सुहाग पड़वा के अवसर पर यह सिंदूर महिलाओं को वितरित किया जाता है। इसी दिन दीपावली पर माता को लगने वाले छप्पन भोग का प्रसाद भी वितरित किया जाता है। यह मंदिर 2000 वर्ष पुराना है और इस मंदिर का स्कंद पुराण में भी उल्लेख मिलता है।