Makka ki Kheti: सर्दियों में मक्का की बुवाई करने वाले किसानों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा के कृषि वैज्ञानिकों ने बंपर पैदावार के लिए कुछ खास टिप्स दिए हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि मक्का की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच हो जानी चाहिए। खेत की मिट्टी की सही तैयारी, उन्नत किस्मों का चयन और उचित बीज शोधन इस फसल की सफलता के प्रमुख आधार हैं।
खेत की तैयारी और बीज का चुनाव
दोमट मिट्टी रबी मक्का के लिए सबसे उपयुक्त होती है। 1-2 जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बनाएं। संकर मक्का और स्वीटकॉर्न जैसी उन्नत किस्मों का चयन करें। ठंडे इलाकों में जीके 3150 हाइब्रिड और शालीमार मक्का हाइब्रिड 4 का बीज बेहतर उपज देता है।
बुवाई की तकनीक और बीज की मात्रा
प्रति हेक्टेयर 20-22 किग्रा. बीज का उपयोग करें और बीज शोधन अवश्य करें। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेंमी. और पौधे से पौधे की दूरी 20-25 सेंमी. रखें। बीजजनित रोगों से बचाव के लिए बीजों को कार्वेन्डाजिम या थीरम से उपचारित करना जरूरी है।
उर्वरक प्रबंधन
मिट्टी की जांच के अभाव में 150 किग्रा. नाइट्रोजन, 75 किग्रा. फॉस्फोरस, 60 किग्रा. पोटाश और 40 किग्रा. सल्फर का उपयोग करें। जिंक की कमी होने पर 25 किग्रा. जिंक सल्फेट मिलाएं।
सिंचाई और खरपतवार प्रबंधन
बुवाई के 20-25 दिन बाद पहली निराई-गुड़ाई और 25-30 दिनों बाद पहली सिंचाई करें। खरपतवार नियंत्रण के लिए 3-4 बार निराई-गुड़ाई जरूरी है। इसके अलावा, खरपतवारनाशी दवाओं का भी उपयोग किया जा सकता है।