रायपुर। झीरम घाटी हमले के प्रत्यक्षदर्शी और कांग्रेस नेता दौलत रोहरा को एनआईए ने आज एक बार फिर तलब होने का नोटिस जारी किया था। नोटिस पर एनआईए दफ्तर पहुंचे रोहरा ने बयान दर्ज करने से एक बार फिर इंकार कर दिया है। इसके पीछे उन्होंने हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका का हवाला दिया है, जिस पर उन्हें मंजूरी मिल चुकी है।
दरअसल, दौलत रोहरा एनआईए की जगह एसआईटी से जांच करवाना चाहते है जिसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट में एनआईए की जांच के खिलाफ एक याचिका लगाई है, जो 2 सितंबर 2019 को मंजूर हो गयी है। रोहरा का कहना है कि याचिका मंजूर होने के बाद एनआईए ने झीरम घाटी की जांच फिर से शुरू की है। मेरी याचिका लगी हुई है इसलिए मैंने इनको बता दिया है कि मेरी आपके खिलाफ याचिका लगी है। मैं एनआईए की जगह एसआईटी से जांच करवाना चाहता हूं इसलिए मैं आपको बयान देने में असमर्थ हूं। आप मुझे बार-बार नोटिस भेज रहे हैं, मैं उसका कागजी कार्रवाई से जवाब दे रहा हूं। मैने स्वयं उपस्थित होके उस बात को उनके सामने रखा और राइटिंग में भी दिया।
दौलत रोहरा ने मामले में आगे कहा एनआईए ने झीरम घाटी हमले में 2014 के अपनी एक रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश कर दी। न हम लोगों से पूछा गया और न जांच सही ढंग से हुई। सिर्फ टेबल में बैठ के बयान हुए, जांच में हमें पूरा भरोसा नहीं है। अपराधी जिनको पकड़ना था वो सामने आया नहीं। 2019 में राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया। एनआईए ने उनको दस्तावेज नहीं दिए, इसलिए मजबूर होकर हमें हाईकोर्ट के शरण मे जाना पड़ा।