बिजनेसमैन गौतम अडानी को लेकर देश में सियासत तेज है. अमेरिका में उन पर आरोप लगा है एक प्रोजेक्ट के कॉन्ट्रैक्ट और फाइनेंस पाने के लिए उनकी ओर से बड़ी रिश्वत दी गई. इसको लेकर विपक्ष केंद्र सरकार को घेर रहा है. इसी बीच बीते दिनों बीजेपी ने कहा था कि अडानी ने तेलंगाना सरकार को 100 करोड़ रुपये का डोनेशन दिया है
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सीएम रेवंत रेड्डी ने कहा,हमने अपनी पार्टी और परिवार के लिए अडानी ग्रुप से पैसे नहीं लिए थे. तेलंगाना सरकार द्वारा उठाया गया कदम राज्य के युवाओं की बेहतरी के लिए था. अडानी ग्रुप से मिले 100 करोड़ रुपये में से हमें अभी तक एक पैसा भी नहीं मिला है. किसी भी विवाद या आरोप से दूर रहने के लिए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है.रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ने अमेरिका में अपनी कंपनी को सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट और कांट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 2100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी. आरोप ये भी है कि उन्होंने ये बात उन अमेरिकी बैंक से इंवेस्टर्स से छिपाई. अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स का दावा है कि कंपनी के दूसरे अधिकारियों ने कांट्रैक्ट पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रुपये देने पर सहमति जताई थी. इस मामले में अमेरिका की एक कोर्ट ने अडानी समेत 7 लोगों के खिलाफ वारंट जारी किया है. हालांकि, अमेरिका के इस एक्शन में एक पेंच फंसा है.अमेरिकी एसईसी सीधे अडानी को तलब नहीं कर सकता. इसके लिए उसे राजनयिक माध्यमों से नोटिस देना होगा. एसईसी (अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग) के पास विदेशी नागरिक को सीधे तलब करने का अधिकार नहीं है.