संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार (25 नवंबर, 2024) से शुरू हो चुका है. पहले दिन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच नोकझोंक हो गई. ये नोकझोंक गौतम अडानी के मुद्दे को लेकर हुई. मल्लिकार्जुन खरगे अडानी घूस केस में अपनी बात कहना चाह रहे थे, लेकिन नियमों के तहत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उस मुद्दे पर उन्हें बोलने से मना कर दिया
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स्पीकर जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे से कहा एक सीनियर सांसद होने के नाते आपको पता होगा कि इस मुद्दे पर मैं पहले ही कह चुका हूं. मैं आपसे कोऑपरेट करने की उम्मीद रखता हूं. इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मेरा भी यहां पर 54 साल का करियर है तो मुझे इसमें सिखाने की जरूरत नहीं है.
‘अडानी का मुद्दा महत्वपूर्ण’
स्पीकर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे, आपको बाकी सांसदों से ज्यादा अनुभव है और आपको इसके लिए मैंने सबसे ज्यादा कॉम्प्लीमेंट भी दिए हैं. पर मुझे बुरा लगा. इसके बाद खरगे ने कहा कि यह बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है. हम अडानी के ब्राइबरी केस को एक्सप्लेन कर सकते हैं. यह पूरे देश को प्रभावित कर रहा है और प्रधानमंत्री मोदी उन्हें सपोर्ट कर रहे हैं. स्पीकर धनखड़ कहते हैं कि कोर्ट में कुछ भी नहीं चल रहा है. इधर से मल्लिकार्जुन खरगे अडानी का मुद्दा उठाए जा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर से स्पीकर जगदीप धनखड़ उन्हें इस मुद्दे पर बोलने से मना कर रहे थे. इसके बाद सदन में अडानी मुद्दे को लेकर कई आवाजें उठने लगी. इसके बाद स्पीकर ने कहा की मल्लिकार्जुन खरगे का योगदान 54 साल का रहा है तो लोगों का उसका फायदा भी मिलने दीजिए.