Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: Supreme Court : बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज, जस्टिस ने कहा- ‘जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
AgricultureBasketballBreaking NewsBusinessCricketFashionFoodsFootballHealthKIDNAPPINGMumbaiRacingTechnologyTravelUncategorizedWildlifeगरियाबंदतमिलनाडुदिल्लीदेशभिलाईभोपाल

Supreme Court : बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज, जस्टिस ने कहा- ‘जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती

Neeraj Gupta
Last updated: 2024/11/26 at 3:45 PM
Neeraj Gupta
Share
5 Min Read
Supreme Court : बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज, जस्टिस ने कहा- 'जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती
Supreme Court : बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग वाली याचिका खारिज, जस्टिस ने कहा- 'जब आप चुनाव जीतते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती
SHARE

डेस्क। Supreme Court : देश में चुनावों में धांधली का आरोप लगाने वालों को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे जुड़ी एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, जनहित याचिका में देश में ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की गई थी। यह जनहित याचिका डॉ. केए पॉल ने दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा कि ये याचिका दायर करने संबंधित आपको शानदार विचार कैसे मिला?

जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की पीठ ने कहा, ‘जब आप चुनाव जीतते हैं, तो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ नहीं होती। जब आप चुनाव हार जाते हैं, तो ईवीएम से छेड़छाड़ हो जाती है।’
याचिका में की गई थीं ये मांगें
बैलेट पेपर से मतदान के अलावा याचिका में कई निर्देश मांगे गए थे। इसमें चुनाव आयोग को निर्देश देना शामिल है कि अगर कोई उम्मीदवार चुनाव के दौरान मतदाताओं को पैसे, शराब या अन्य प्रलोभन देने का दोषी पाया जाता है, तो उसे कम से कम पांच साल के लिए अयोग्य घोषित किया जाए।
आपके पास शानदार विचार आए कहां से: पीठ
जब याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा कि उन्होंने जनहित याचिका दायर की है, तो पीठ ने कहा, ‘आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं। आपको ये शानदार विचार कहां से मिले?’ इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वह एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं, जिसने तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है। इस पर पीठ ने कहा, आप इस राजनीतिक क्षेत्र में क्यों आ रहे हैं? आपका कार्यक्षेत्र बहुत अलग है।
पॉल ने जब बताया कि वे 150 से अधिक देशों में जा चुके हैं, तो पीठ ने उनसे पूछा कि क्या हर देश में बैलेट पेपर से वोटिंग होती है या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग का इस्तेमाल होता है। याचिकाकर्ता ने कहा कि विदेशी देशों ने बैलेट पेपर से वोटिंग को अपनाया है और भारत को भी ऐसा ही करना चाहिए।
अगर बैलेट पेपर से होगा चुनाव तो क्या भ्रष्टाचार नहीं होगा?
पीठ ने पूछा, आप बाकी दुनिया से अलग क्यों नहीं होना चाहते? याचिकाकर्ता ने कहा, देश में भ्रष्टाचार है और इस साल जून में चुनाव आयोग ने घोषणा की कि उसने 9,000 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इस पर अदालत ने कहा कि लेकिन इससे आपकी राहत कैसे प्रासंगिक हो जाती है, जिसका आप यहां दावा कर रहे हैं? अगर आप बैलेट पेपर पर वापस जाते हैं, तो क्या कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा?
पॉल ने दावा किया कि टेस्ला के सीईओ और सह-संस्थापक एलन मस्क ने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है और उन्होंने कहा कि टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने भी दावा किया था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘जब चंद्रबाबू नायडू हारे थे, तो उन्होंने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। अब इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे हैं, तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।’
याचिकाकर्ता की दलील
जब याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी जानते हैं कि चुनावों में पैसे बांटे जाते हैं। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, हमें कभी भी किसी चुनाव के लिए कोई पैसा नहीं मिला। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी याचिका में एक और प्रार्थना चुनाव प्रचार के दौरान पैसे और शराब के इस्तेमाल को लेकर यह सुनिश्चित करना है कि इस तरह की प्रथाएं प्रतिबंधित हों और कानून के तहत दंडनीय हों। याचिका में मतदाता जागरूकता बढ़ाने और निर्णय लेने के महत्व को बढ़ाने के लिए व्यापक मतदाता शिक्षा अभियान चलाने के निर्देश देने की भी मांग की गई है। पॉल ने आगे कहा कि आज 32 प्रतिशत शिक्षित लोग अपना वोट नहीं डाल रहे हैं। यह कितनी बड़ी त्रासदी है। अगर लोकतंत्र इसी तरह खत्म होता रहेगा और हम कुछ नहीं कर पाएंगे तो आने वाले वर्षों में क्या होगा।
TAGGED: supreme court
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article Mahasamund :अधिक मुनाफा का दिया लालच, फिर ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर की करोड़ों की ठगी, चाचा भतीजा के खिलाफ FIR दर्ज  Mahasamund : अधिक मुनाफा का दिया लालच, फिर ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर की करोड़ों की ठगी, चाचा भतीजा के खिलाफ FIR दर्ज 
Next Article ऑनलाइन गेमिंग ऐप में फायदा दिलाने का झांसा देकर की ठगी, CG ब्रेकिंग: ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए महिला शिक्षिका से 17 लाख की ठगी! जांच में जुटी पुलिस

Latest News

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से की मुलाकात*
Grand News June 6, 2025
CG NEWS: बस्तर अब डर से नहीं, डिजिटल बदलाव से पहचाना जा रहा है: विष्णुदेव साय
Grand News छत्तीसगढ़ बस्तर June 6, 2025
CG NEWS: वृक्षारोपण से भविष्य सुरक्षित करने की मुहिम, 5 जून से स्नेहा सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की पहल
Grand News छत्तीसगढ़ दुर्ग June 6, 2025
CG NEWS: विधायक अनुज ने यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल का किया शुभारंभ
Grand News छत्तीसगढ़ June 6, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?