बिहार/भागलपुर। GRAND NEWS : इसमें संदेह नहीं कि सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की संख्या, उनकी सैलरी, सेवा का स्तर और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इन्हीं शिक्षकों के बीच एक ऐसा वर्ग भी है, जो आज भी आर्थिक रूप से परेशान हैं। इसी दायरे में शारीरिक शिक्षक एवं स्वास्थ्य अनुदेशक के पद पर काम करने वाले शिक्षक हैं, जिन्हें बोलचाल की भाषा में लोग फिजिकल टीचर कहते हैं। इन्हीं में एक फिजिकल टीचर ऐसे हैं, जो दिनभर अपनी सेवा स्कूल में देते हैं और शाम से होटलों में काम करते हैं। सरकारी वेतन से घर चलाने में परेशानी होने लगी, तो डिलीवरी बॉय के रूप में भी काम शुरू कर लिया। होटलों को मिले ऑनलाइन ऑर्डर के तहत भोजन के पैकेट लेकर घर-घर पहुंचाते हैं। शिक्षक अमित सिन्हा ने बताया कि उन लोगों को स्कूलों में ‘आठ हजारी शिक्षक’ के नाम से बुलाया जाता है। यह सुनकर काफी खराब लगता है। शारीरिक शिक्षकों का इसमें क्या कसूर है।