रायपुर । सत्यमेव जयते फाउंडेशन के प्रदेश संयोजक कन्हैया अग्रवाल ने दानी स्कूल डिग्री गर्ल्स कॉलेज परिक्रमा मार्ग में निर्माणाधीन चौपाटी पर तत्काल रोक लगाते हुए उसे हटाए जाने की मांग की है । उन्होंने पुराने धरना स्थल पर बनी चौपाटी को भी तत्काल प्रभाव से हटाए जाने की मांग की है ।
read more: RAIPUR ACCIDENT NEWS : अनियंत्रित होकर सड़क पर गिरी स्कूटी सवार स्कूली छात्रा
अग्रवाल ने कहा कि साइंस कॉलेज के पास करोड़ों रुपए की लागत से स्मार्ट सिटी द्वारा निर्माण की गई चौपाटी को हटाने के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एजुकेशन हब यानी स्कूल कॉलेज का क्षेत्र बताते हुए बसी बसाई चौपाटी को हटाने का निर्णय लिया । दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा प्रदेश की सबसे बड़ी गर्ल्स स्कूल और गर्ल्स कॉलेज के गेट पर ही चौपाटी का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है । चौपाटी में रूफटॉप कैफे भी खोले जा रहे हैं इन सब से क्षेत्र का वातावरण अशांत होगा हमारी बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ेगी ।रायपुर ही नहीं छत्तीसगढ़ के प्राचीन तालाब बुढ़ातालाब के सौंदरीकरण के नाम पर स्मार्ट सिटी के द्वारा पिछले दिनों लगभग 30 करोड़ तक खर्च किए गए तत्पश्चात निजी कंपनी के हाथों तालाब को पर्यटन बोर्ड ने पुनः सौंपा है ।
दोनों चौपटियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने की आवश्यकता
इस मार्ग में चौपाटी निर्माण का पिछले 20 वर्षों में अनेक बार प्रयास किया गया हर बार जन विरोध के कारण इस निर्णय को वापस लिया गया है । माननीय मुख्यमंत्री और माननीय पर्यावरण मंत्री से निवेदन है छात्राओं के विद्यालय और कॉलेज के साथ छात्रावास के समीप निर्मित होने वाली इस चौपाटी के कार्य को तत्काल बंद कराएं , तालाब को प्रदूषित होने से भी बचाना होगा । हमारी बेटियों की सुरक्षा के साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है कि इस मार्ग का व्यवसायीकरण ना हो । चौपाटी जैसे प्रोजेक्ट हमारी बेटियों के आवागमन के मार्ग में असुरक्षा की भावना पैदा करते हैं । बुढ़ापारा के पुराने धरना स्थल को ट्रैफिक जाम की वजह से हटाया गया था । इस धरना स्थल पर स्मार्ट सिटी द्वारा चौपाटी का निर्माण किया गया है जो यातायात में बाधक होने के साथ ही पूरी तरह औचित्यहीन है । दोनों चौपटियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने की आवश्यकता है ,इस संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश देकर अविलंब कार्य को बंद कराने की कृपा करेंगे अन्यथा हमेशा की तरह जन आंदोलन तो होगा ही ।