गरियाबंद। CG NEWS : मोक्ष दायिनी भागवत कथा के दूसरे दिन गरियाबंद के पवित्र स्थल गांधी मैदान में प्रवचनकार नारायण जी महराज ने शुकदेव आगमन और गौकर्ण महात्म की कथा का रसपान कराया।
संत समागम हरिकथा , तुलसी दुर्लभ दोऊ , सूत दारा और लक्ष्मीपतो पापी के घर भी होऊ , सुंदर स्त्री , पद , पैसे , तो एक पापी भी पा लेता है पर उन्होंने कहा कि दो चीजें संसार में बहुत दुर्लभ है एक संत का समागम और भगवान की कृपा।
मुश्किलें दिल के इरादे को आजमाती है , स्वपन के परर्दे निगाहों से हट जाती है , हारना कभी न जीवन में क्योंकि कभी कभी ठोकरें इंसान को चलना सिखाती है।
मनकुपिया परिवार द्वारा आयोजित श्री मदभागवत कथा पंडाल में विराजित श्री राधा कृष्ण की जीवन्त प्रतिमा हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहा है , गरियाबंद के प्रसिद्ध मूर्तिकार डी आर कुंभकार द्वारा मिट्टी से बनाई गई प्रतिमा वृन्दावन की याद दिला रहा ।
आगे कथा में उन्होंने बताया कि बैल धर्म का प्रतीक होता है , भगवान शिव जी बैल पर नहीं बल्कि भगवान शिव जी धर्म पर बैठते हैं और धर्म के चार चरण होते हैं सत्य , दान , दया और पवित्रता ।
राजा परीक्षित ने कलयुग को चार स्थान दिया है उसमें प्रथम स्थान है जहां जुआ खेला जाता है , दूसरा जहां शराब पिया जाता है वहां कलयुग होता है , तीसरा जहां पराय स्त्री को कुदृष्टि से देखा जाता है और चौथा जगह वो जहां हिंसा होती है। और आजकल पांचवां स्थान मोबाइल हो चुका है , लोग प्रभात में सूर्य का दर्शन न कर मोबाइल दर्शन करते हैं , नारायण जी महराज ने इसरो में हुए एक शोध का हवाला देकर बताया कि लोगों के जीवन से अगर मोबाइल हटा दिया जाय तो दिनचर्या सुधर जाएगी। सतयुग में खूब ध्यान होता था तब भगवान तक पहुंचते थे , त्रेता में खूब यज्ञ होते थे तब भगवान प्रसन्न होते थे , द्वापर में खूब पूजा पाठ होता है तब प्रभु दर्शन मिलता था लेकिन कलयुग में केवल नाम जप को आधार बताया गया है ।