रायपुर। CG VIDHANSABHA : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बन रहे पुल पुलिया निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला जोर शोर से गूंजा। विपक्ष ने इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। इसके लिए विभागीय मंत्री तैयार नहीं हुए। इससे नाराज होकर विपक्ष के सभी सदस्य लोक निर्माण मंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह मामला प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने उठाया। उन्होंने पूछा कि सुकमा और दंतेवाड़ा के सरहदी गांव पारीया, नगलगुंडा और मुलेर में बनने वाले पुलिया निर्माण में नियमों का पालन नहीं किया गया है, इन कामों के लिए सिर्फ दो ही ठेकेदारों को टेंडर फार्म दिया गया है। इसमें अनियमितता का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने दोषी ईई और सब इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
इसके जवाब में लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने कहा कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के कैंप है, जहां बारिश के दिनों में खाद्य सामग्रियां पहुंचाने में अनेक समस्याओं का सामना करना पडता है , इसलिए वहां पुलिया निर्माण का टेंडर आज खुलने वाला है, परन्तु उसका कार्य पहले ही शुरू करवा दिया गया है लेकिन उसका एक भी पैसा भुगतान नहीं किया गया है। मंत्री का जवाब सुनते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चर्चा करते हुए इसे गंभीर मामला बताते हुए जांच कराने की मांग की, जिसके लिए सरकार तैयार नहीं हुई। इससे नाराज होकर सभी कांग्रेस विधायक खड़े होकर विभागीय मंत्री अरुण साव के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।