नई दिल्ली। लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना वायरस के मामलों में सितंबर के बाद से कुछ राहत मिली थी। देखा जाए तो सितंबर के तीसरे हफ्ते में रोज मिलने वाले मामलों का ग्राफ कुछ कम होता नजर आ रहा था। हालांकि, दिल्ली में हालात इससे उलट होते जा रहे हैं। राजधानी में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आलम यह है कि दिल्ली ने रोज नए मामलों के लिहाज से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र को भी पीछे छोड़ दिया है।
कुछ लोग इसे दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) भी बता रहे हैं। खैर इसी तरह के कुछ सवालों को इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉक्टर एसके सरिन ने सामने रखा। खास बात है कि डॉक्टर सरिन उस पांच सदस्यीय कमेटी का भी हिस्सा हैं, जो महामारी से निपटने में मुख्यमंत्री के मददगार के रूप में काम कर रही है।
लोगों की गतिविधियां हो सकती हैं बड़ा कारण
राजधानी दिल्ली में बढ़ रहे मामलों को लेकर डॉक्टर सरिन ने कहा ‘यह चिंता की बात है। आप लोगों को देखेंगे, तो वे बगैर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के चल रहे हैं। भले ही इसे तीसरी लहर या कम्युनिटी स्प्रैड कहें, नवंबर और दिसंबर में मामले बढ़ने की संभावना है। ‘
उन्होंने कहा ‘कोविड फ्लू की तरह फैल रहा है, लेकिन मुद्दा मृत्यु दर का है। राजधानी में इसका कारण लोगों के रहने और मूवमेंट का तरीका हो सकता है।’ हालांकि, उन्होंने यह साफ किया है कि हमें 2021 के लिए सावधान रहना होगा।
मास्क बेहद जरूरी
डॉक्टर सरिन मास्क पहनने की बात पर जोर देते हैं। उन्होंने इसके लिए चीन में हुई एक स्टडी का भी हवाला दिया है। उन्होंने कहा ‘मेरी सलाह है कि अगर आपके परिवार में किसी को कोरोना है, तो सोचें कि आपको भी है। अगर आप संक्रमित नहीं हैं, तो खुद को बचाएं, दूसरों को बचाएं। किसी को अंदर न आने दें। यही सेल्फ आइसोलेशन की जरूरी बात है।’ डॉक्टर सरिन के मुताबिक, चीन की स्टडी बताती है कि अगर परिवार के सदस्य मास्क पहनते हैं तो हजार्ड रेशो पांच गुना कम हो जाता है। उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान कभी भी मास्क न हटाएं।
एक बार में हो सकते हैं दो संक्रमण
माना जा रहा है कि दिल्ली में प्रदूषण भी संक्रमण के मामले बढ़ने का कारण हो सकता है। इसपर डॉक्टर सरिन का कहना है कि दिल्ली में फिलहाल दो चीजें हैं- सर्दियां और प्रदूषण। उन्होंने कहा ‘दिल्ली में तापमान काफी कम है और सर्दियों में वायरस ज्यादा देर तक रह सकता है। ‘ उन्होंने बताया ‘यह डेंगू, सर्दी-जुकाम जैसे दूसरे वायरस के साथ भी मिल सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में अगर किसी तक वायरस पहुंच गया है, तो हो सकता है कि उसे दो संक्रमण हुए हों। हालांकि, उन्होंने बताया कि कोविड के मामले बढ़ने में प्रदूषण का सीधा हाथ नहीं है।