MP NEWS : शुजालपुर न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पांच आरोपियों को हत्या और अन्य गंभीर आरोपों से दोषमुक्त कर दिया। यह मामला लगभग चार वर्षों से चल रहा था। इस मामले का निर्णय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, संजय कुमार भलावी ने दिया। दरअसल मामला शुजालपुर के एक विवाद से जुड़ा हुआ था, जिसमें आरोपियों पर एक महिला, सुगनबाई और उनके पुत्र लाड सिंह द्वारा हत्या का आरोप लगाया गया था। भोपाल के वरिष्ठ अधिवक्ता सोमवंत यशवंत अरगड़े और उनकी टीम ने इस मामले में बचाव पक्ष का प्रतिनिधित्व किया और अदालत में प्रभावी तर्क प्रस्तुत किए।
भोपाल के वरिष्ठ अधिवक्ता सोमवंत अरगड़े की मेहनत
सोमवंत यशवंत अरगड़े और उनकी टीम ने अदालत को यह साबित किया कि पुलिस की जांच में कई खामियां थीं। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत किए गए प्रमाण अपर्याप्त और विरोधाभासी थे। इस महत्वपूर्ण फैसले ने न केवल आरोपियों को दोषमुक्त किया, बल्कि भारतीय न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को भी स्थापित किया। उनके प्रभावी तर्क और कानूनी दाव पेचों ने न्याय के रास्ते को स्पष्ट किया।
सोमवंत अरगड़े और उनकी टीम का योगदान
सोमवंत अरगड़े और उनकी टीम ने इस कठिन मामले में न केवल अपने पक्षकार को न्याय दिलाया, बल्कि यह साबित किया कि मेहनत और समर्पण से न्याय की प्राप्ति संभव है। उन्होंने इस मामले को पूरी तरह से एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया कि जब कानूनी प्रक्रिया के प्रति सम्मान और सच्चाई के साथ लड़ा जाता है, तो न्याय की जीत होती है।
खुशी की लहर
फैसले के बाद कोर्ट परिसर में आरोपियों के परिवारों ने खुशी जताई। एक आरोपी अंबाराम कराड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने लगभग 4 साल तक झूठे आरोप का बोझ उठाया, और आज हमें न्याय मिला है। यह हमारे अधिवक्ता की मेहनत और सत्य की ताकत का परिणाम है।”