बिलासपुर. भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने अफसरों पर ही फर्जी कार्रवाई करने का आरोप लगा है. EOW और ACB के अफसरों पर मामला दर्ज कर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, सहित अन्य धाराएं लगाई गई हैं. आरोप है कि अधिकारियों ने फर्जी दस्तवेज बना कर शासकीय ए श्रेणी के ठेकेदार के घर छापा मार कर्रवाई करते हुए, गहना और नगदी ले गये. कोर्ट के आदेश के बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया है.
ठेकेदार ने लगाया है आरोप, ACB में दर्ज ही नहीं FIR
ठेकेदार के घर से कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने उनकी निजी संपत्ति, पत्नी की संपत्ति, सोने-चांदी के गहने और नगदी जब्त कर लिए.
अग्रसेन चौक निवासी पवन अग्रवाल ठेकेदार हैं. पवन अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने अपने भाई के कार्यक्षेत्र में काम नहीं किया है. पवन के घर में दिसंबर 2014 को ACB टीम ने सर्च वारंट के साथ छापा मारा.
पवन का आरोप है कि सर्च वारंट में FIR नंबर नहीं दर्ज था. सर्च वारंट में उनके भाई आलोक के खिलाफ दर्ज मामले में कार्रवाई किए जाने का उल्लेख था. वहीं ACB ने जिस FIR के तहत सर्चिंग की, वह उनके थाने में दर्ज ही नहीं है. इसके लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए.
आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज
इस मामले को लेकर पवन अग्रवाल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में गए थे. जिस पर CJM कोर्ट ने मार्च 2020 में सिविल लाइन थाने को FIR दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके सात महीने तक मामला लटका रहा. इसके बाद रविवार रात पुलिस ने EOW और ACB के अफसरों पर मामला दर्ज कर लिया. उन पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी, सहित अन्य धाराएं लगाई गई हैं.