रायपुर– छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और प्रवक्ता विकास तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चुनने पर हो रही देरी पर तंज कसते हुए कहा कि आदिवासी नेतृत्व सरल एवं सीधे व्यक्ति विक्रम उसेंडी जिन्हें अभी नियुक्त हुए साल भर भी नहीं हुआ है उनको हटाने की तैयारी भारतीय जनता पार्टी के दोनों खेमा रमन और बृजमोहन अग्रवाल में ठन गयी है. जहाँ एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह अपने समर्थक को प्रदेश अध्यक्ष पद पर काबिज करवाना चाह रहे,वहीं बृजमोहन खेमा भी अपने समर्थक को अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुके हैं.15 साल सत्ता का सुख भोगने के बाद आज भी भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई विपक्ष की भूमिका अदा नहीं करना चाह रही है और गुटबाजी के कारण प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त नहीं कर पा रही है.प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि जहां एक और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसानों और युवाओं का हित हो रहा है. साथ ही पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में पार्टी दिन प्रतिदिन विजय गाथा के नए-नए आयाम गढ़ रही है,वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश इकाई में गुटबाजी और खेमे बाजी के चलते भाजपा की भद पिट रही है,जिसके कारण भाजपा कार्यकर्ता अवसाद ग्रस्त हो चले हैं. यह किसी से छुपा हुआ नहीं है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बीच लगातार शीत युद्ध कई सालों से चल रहा है,जिसका कि परिणाम अभी विधानसभा के उपचुनाव,नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में साफ दिखाई पड़ता है.प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि डॉ रमन सिंह के सामने जैसे ही बृजमोहन अग्रवाल का नाम आता है,उनके चेहरे से हंसी गायब हो जाती है. भाजपा यह तय नहीं कर पा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा जबकि विक्रम उसेंडी का कार्यकाल अभी साल भर का नहीं हुआ है . उनको हटाने की चर्चा को लेकर सर्व आदिवासी समाज में बहुत नाराजगी व्याप्त है. आला नेताओ में लगातार खींचतान हो रही है,जिसका नुकसान भाजपा के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को उठाना पड़ रहा है.