रायपुर। CG NEWS : नगर निगम अनुकम्पा नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शी नही है क्योंकि 72 अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों की सूची जारी कर दस्तावेजों का परीक्षण कर पुनः दिनांक 24 को पुनः दावा आपत्ति मंगाकर 166 आवेदको की सूची प्रस्तावित करना संदेह के दायरे में माना जायेगा। सीधी भर्ती में दावा आपत्ति का प्रावधान है। अनुकम्पा नियुक्ति में पहली बार निगम दावा आपत्ति मंगाई गयी है अनुकम्पा नियुक्ति में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, वर्ष 2018 एवं 2021 में भी अनुकम्पा नियुक्ति की गई थी उस वक्त दावा आपत्ति नही मंगाई गयी थी जबकि हायर सेकेण्डरी पास कई आवेदक दावेदार थे।
ड्राइंग केडर घोषित मृत्य सफाई कर्मचारियों के बच्चों को जो आठवीं पास है उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जा रही है एवं सूचना पत्र देकर आपके द्वारा 90 दिन के अंदर अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन नहीं दिया गया है आपके शैक्षणिक योग्यता आठवी बोलकर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जा रहा है ऐसे कई आवेदक है। उदाहरण स्वरूप घृतल नायक, मैहुल कुमार, विकास बेहरा, अंतर नायक, रेखा भारती, कुश दीप, ओम मांजलेकर आदि अनेक प्रकरण है इनको अनुकम्पा नियुक्ति नही दी गयी है और न ही अनुकम्पा नियुक्ति के निर्देश का पालन किया जा रहा है जबकि मृत कर्मचारी के जहां जोन में नियुक्त था सक्षम अधिकारी उसके घर जा कर अनुकम्पा नियुक्ति का फार्म भरवाना और सम्पूर्ण जानकारी देकर नौकरी दिलाने का आदेश है इसका पालन अधिकारियों द्वारा न कर आवेदन को लंबित रखना तथा नस्तीबद्ध करना शामिल है।
वर्ष 2014 के पूर्व के प्रकरणों में चूंकि अनुकम्पा नियुक्ति 100 प्रतिशत दी जा रही थी और ड्रइंग केडर भी नही था ऐसे स्थिति में 2014 में पूर्व के प्रकरण कैसे लिए जा रहे है संदेह का विषय है।
शासन के अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों के लिए दिशा निर्देश स्पष्ट है इसका पालन नगर निगम द्वारा नहीं किया जाता है, अतः अनुकम्पा नियुक्ति में निगम की कार्यवाही आवेदकों के लिए दुर्वभावना पूर्वक लंबित करने वाला नौकरी से वंचित करने एवं नियम विरूद्ध कार्यवाही को प्रषय देना प्रतित होता है।