कृषि मंत्री नेताम ने इस अवसर पर कहा कि 20 जनवरी 1987 को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के स्थापना के समय छत्तीसगढ़ में कृषि एवं संबद्ध विषयों से संबंधित केवल तीन महाविद्यालय संचालित थे। आज यहां 47 शासकीय कृषि एवं संबद्ध महाविद्यालय तथा 15 निजी महाविद्यालय संचालित हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपने ज्ञान और उत्कृष्टता की धाक जमाई है। यह गर्व की बात है कि इसी विश्वविद्यालय में छात्र और प्राध्यापक रहे डॉ. गिरीश चंदेल आज इस विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय का आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के अन्य प्राध्यापक डॉ. आर.आर. सक्सेना महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति पद को सुशोभित कर रहे हैं। नेताम ने विश्वविद्यालय की स्थापना के 38 वर्ष की विकासयात्रा पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
RAIPUR NEWS : कृषि विश्वविद्यालय के 39वें स्थापना दिवस पर कृषि मंत्री ने की सराहना, बोले- किसानों के विकास में कृषि विश्वविद्यालय का बड़ा योगदान
Highlights
- कृषि विश्वविद्यालय के 39वें स्थापना दिवस पर कृशि मंत्री ने की सराहना
- कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने हेतु कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रगतिशील कृषकों का सम्मान
रायपुर। RAIPUR NEWS : कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि मेहनतकश किसानों को सक्षम बनाने में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं कृषि वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी का परिणाम है कि आज किसान उन्नत कृषि तकनीक का उपयोग कर आत्मनिर्भर बन रहे है और खुशहाली की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि के विकास और किसानां की समृद्धि में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का अहम योगदान है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित अनुसंधान एवं प्रसार प्रौद्योगिकी ने छत्तीसगढ़ के किसानों को सक्षम बनाने का काम किया है।
नेताम आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 39वें स्थापना दिवस के अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक अनुसंधान पहल’’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ कर रहे थे। नेताम ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से आव्हान किया कि वे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय पहचान देने के लिए उत्कृष्टता के साथ कार्य करें।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने बताया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर की स्थापना 20 जनवरी 1987 को हुई थी। इस विश्वविद्यालय को छत्तीसगढ़ प्रदेश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार की जिम्मेदारी दी गई है, जिसे विश्वविद्यालय अपने 28 कृषि महाविद्यालय, 4 कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, 1 खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, 08 अनुसंधान केन्द्र एवं 27 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से संचालित कर रहा है। विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में वर्तमान में लगभग 9000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनमें स्नातक पाठ्यक्रमों में 2763, स्नात्तकोत्तर पाठ्यक्रमों में 500 तथा शोध पाठ्यक्रमों (पी.एच.डी.) में 115 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहें हैं। विश्वविद्यालय की स्थापना के पश्चात् 52 फसलों की लगभग 162 प्रजातियों का विकास किया गया है एवं कृषि से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए 100 से अधिक तकनीकें विकसित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की चावल अनुसंधान के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यां के लिए देश में अपनी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से पढ़े विद्यार्थी आज देश के विभिन्न राज्यों तथा विश्व के विभिन्न देशों में कृषि विश्वविद्यालय का नाम रौशन कर रहे हैं। समारोह को महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ. आर.आर. सक्सेना, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल के सदस्य द्वय श्री विमल चावड़ा तथा जानकी चन्द्रा तथा राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के सम्मेलन समन्वयक डॉ. आर.ए. शाह ने भी संबोधित किया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी ने स्वागत भाषण दिया तथा संचालक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ. राजेन्द्र लाकपाले ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
शुभारंभ समारोह में छत्तीसगढ़ में कृषि के विकास में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए रामविचार नेताम, कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री, छत्तीसगढ़ शासन, डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, नारायण भाई चावड़ा, प्रगतिशील कृषक, रायपुर, डॉ. बी.आर. चन्द्रवंशी, पूर्व संचालक अनुसंधान एवं प्राध्यापक (एग्रोनॉमी), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, डॉ. एम.एन. श्रीवास्तव, पूर्व संचालक अनुसंधान एवं प्राध्यापक (आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर को लाईफ टाइम अचिव्हमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) द्वारा कृषि अनुसंधान में उल्लेखनीय योगदान के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर तथा देश के अन्य विश्वविद्यालयों से आए वैज्ञानिकों तथा शोधार्थियों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, प्राध्यापक, वैज्ञानिक तथा राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के प्रतिभागी एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय विद्यार्थी बड़ी संखया में उपस्थित थे।