कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच दुनिया के कई देश फिर से लॉकडाउन की ओर अग्रसर हो रहे हैं। ब्रिटेन, इटली, स्पेन जैसे यूरोपीय देशों में फिर से पाबंदियां लागू कर दी गई है। वहीं, दूसरी ओर भारत में कोरोना के नए मामलों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन देश में रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर भी तेजी से बढ़ी है। कोरोना वैक्सीन से भी हम बस कुछ ही कदम पीछे हैं। कोवैक्सिन और कोविशील्ड समेत कई वैक्सीन कैंडिडेट्स अंतिम चरणों के ट्रायल से गुजर रही है। कोरोना के इलाज के लिए कई थेरेपी पर भी शोध हो रहे हैं। इसी कड़ी में अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने अच्छी खबर दी है।
फार्मा कंपनी जायडस कैडिला कोरोना मरीजों के इलाज के लिए बायोलॉजिकल थेरेपी पर शोध कर रही है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि उसने कोविड-19 के मरीजों पर चिकित्सकीय परीक्षण का दूसरा चरण बायोलॉजिकल थेरेपी ‘पेगीहेप’ के साथ सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। जायडस कैडिला अब इस थेरेपी के तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू करेगी।
जायडस कैडिला ने कहा, “हमने अपनी बायोलॉजिकल थेरेपी के साथ कोविड-19 के मरीजों पर चिकित्सकीय परीक्षण का दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा किया है। दूसरे चरण के अध्ययन के नतीजों के आधार पर कंपनी अब भारत में तीसरे चरण का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू करेगी।”
कैडिला हेल्थकेयर समूह के तहत आने वाली जायडस कैडिला ने कहा कि पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा- 2बी ने कोविड-19 के मरीजों में वायरल संक्रमण को कम किया है, जो उल्लेखनीय और ध्यान देने योग्य है। ट्रायल के दौरान मरीजों में ऑक्सीजन की कमी को भी दूर करने में सफलता मिली है।
बता दें कि जायडस कैडिला कोरोना की वैक्सीन भी विकसित कर रही है। कंपनी ने जायकोव-डी (Zycov-D) नाम से वैक्सीन बनाई है। कंपनी की वैक्सीन नैदानिक परीक्षण के अंतिम चरणों से गुजर रही है। ट्रायल के दौरान वैक्सीन अच्छा नतीजा दिखा रही है। उम्मीद की जा रही है कि वैक्सीन अगले साल की दूसरी छमाही में उपलब्ध होगी।