गरियाबंद: नगरपालिका चुनाव से पहले गरियाबंद की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है। भाजपा ने पहले अधिवक्ता प्रशांत मानिकपुरी को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उनका टिकट काटकर रिखी राम यादव को उम्मीदवार बना दिया गया। अब इस फैसले का भारी विरोध सामने आ रहा है, क्योंकि प्रशांत मानिकपुरी ने आज निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र ले लिया और दाखिल करने पूरे दल बाल के साथ कलेक्ट्रेट पहुचे है
भाजपा के लिए सबसे बड़ा संकट, कांग्रेस को मिलेगा सीधा फायदा?
भाजपा के इस आंतरिक घमासान से सियासी हलचल तेज हो गई है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या पार्टी प्रशांत मानिकपुरी को मना पाएगी या वे चुनावी मैदान में डटे रहेंगे? अगर प्रशांत निर्दलीय के रूप में मुकाबले में उतरते हैं, तो भाजपा के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, जिससे कांग्रेस को सीधा फायदा मिलेगा।
31 जनवरी तक फॉर्म वापसी, भाजपा के लिए कड़ी परीक्षा
भाजपा के पास अब 31 जनवरी तक का समय है, जब नामांकन वापस लिया जा सकता है। पार्टी की पूरी कोशिश होगी कि प्रशांत मानिकपुरी को मनाकर उन्हें चुनावी मैदान से हटाया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो भाजपा के वोटबैंक में सेंध लग सकती है,
अब आगे क्या?
अब सभी की नजरें भाजपा की अगली रणनीति पर टिकी हैं। क्या पार्टी अपने ही नाराज नेता को मना पाएगी, या फिर यह बगावत भाजपा की जीत की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनेगी? गरियाबंद की राजनीति में यह चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है, और आने वाले दिनों में बड़े राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।