भाजपा और कांग्रेस के शासन काल में राज्यमंत्री का दर्जा पा चुके नामदेव दास त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा की दिवाली अब जेल में ही मन सकती है। पुलिस के मुताबिक कम्प्यूटर बाबा ने अतिक्रमण हटाने वाले दिन रविवार को जम्बूडी हप्सी ग्राम पंचायत सचिव श्रीराम बारोलिया के साथ अभद्रता करते हुए जातिसूचक शब्द कहे थे।
ASP प्रशांत चौबे ने बताया कि सेंट्रल जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा के खिलाफ पुलिस ने एक और मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस को ग्राम पंचायत बरौली हप्सी के पंचायत सचिव श्रीराम बारोलिया ने केस दर्ज करवाया है। पुलिस ने बाबा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा की भादवि की धारा 353, मारपीट व धमकी 323, 294, 506, 186, 34 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3 (2) 5 और 3 (1) a के अंतर्गत केस दर्ज किया है। बाबा ने पंचायत द्वारा अतिमक्रमण हटाने के प्रयास के दौरान सचिव को धमकाया था। उसके साथ मारपीट भी की थी। वहीं, अतिक्रमण हटाने के पहले भी बाबा ने उसे धमकाया था। पुलिस ने आवेदन से केस दर्ज किया है। फिर एसडीएम की सहमति पर बाबा की जेल में ही फाॅर्मल अरेस्टिंग कर ली है। अब केस में भी जांच की जाएगी।
एफआईआर में पंचायत से बाबा को अवैध कब्जा हटाने का नोटिस गया था, लेकिन उन्होंने नहीं हटाया। सचिव को पता चला कि बाबा आए हुए हैं, तो वह 8 नवंबर को सुबह 6 बजे बाबा से मिलने गए, तब बाबा ने जान से मारने की धमकी देने के साथ ही जातिसूचक शब्द कहे। मामले में बाबा के साथी को बिना नामजद एफआईआर में शामिल किया गया है।
दूसरी बार जमानत याचिका खारिज
वहीं, कम्प्यूटर बाबा की जमानत याचिका दूसरी बार भी एसडीएम कोर्ट से खारिज हो गई है। एसडीएम ने अपने आदेश में बाबा द्वारा दी गई व्यक्तिगत गांरटी को अमान्य करते हुए पांच लाख की बैंक गारंटी व अन्य सुरक्षा कोर्ट में पेश करने पर ही जमानत पर विचार करने की बात कहकर दूसरी बार भी याचिका निरस्त कर दी। हालांकि बाबा के पक्ष पेश करने वाले इसे लेकर असमंजस में आ गए और वह गुरुवार को पांच लाख की बैंक गारंटी लेकर कोर्ट पहुंच गए, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। जमानत खारिज होने के चलते बाबा अभी जेल में ही रहेंगे।