कैसे हुई निर्विरोध जीत?
बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने चुनाव से पहले एक बैठक बुलाई, जिसमें सभी जाति-वर्ग के लोग शामिल हुए। बैठक में पूर्व सरपंच कमल मौर्य के कार्यकाल की सफलता को देखते हुए सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि उनके परिवार से ही नया नेतृत्व चुना जाए। इसलिए ग्रामीणों ने तिलोत्तमा मौर्य (कमल मौर्य की भाभी) को अगली सरपंच बनाने का फैसला लिया।
गौरतलब है कि कमल मौर्य के कार्यकाल में गांव में सड़कें, जल आपूर्ति, शिक्षा और कृषि से जुड़े कई विकास कार्य हुए, जिससे जनता में संतोष और विश्वास पैदा हुआ। ग्रामीणों ने इसी विकास की निरंतरता के लिए परिवार से ही नेतृत्व बनाए रखने का निर्णय लिया।