नारायणपुर। CG NEWS : जिले के मुख्य अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर कार्य समय में अपने केबिन से गायब रहते हैं, लंच टाइम से पहले ही केबिन में बैठकर नर्सों के साथ चाय-नाश्ते की किटी पार्टी में व्यस्त रहते हैं।
अस्पताल में सोनोग्राफी जैसी जरूरी जांच के लिए मरीजों को एक से डेढ़ महीने का समय दिया जा रहा है, जिससे दूर-दराज के इलाकों से आने वाले मरीजों को इलाज में भारी देरी होती है। चूंकि नारायणपुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, इसलिए ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों के लिए यह स्थिति और भी दयनीय हो जाती है।
मरीजों को समय पर नहीं मिल रहा इलाज
स्थानीय लोगों का कहना है कि डॉक्टरों की इस लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। कई मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ जाती है। कुछ मामलों में मरीजों को सही इलाज न मिलने के कारण अपनी जान तक गंवानी पड़ती है।
मरीजों से की जा रही बदसलूकी
अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मरीजों के साथ बदसलूकी की घटनाएं भी सामने आई हैं। मरीजों का कहना है कि जब वे इलाज के लिए डॉक्टरों से संपर्क करते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज किया जाता है या फिर सही तरीके से बात नहीं की जाती। अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं की इस बदहाल स्थिति से जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
CMHO का बयान
इस मामले पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) श्याम शंकर राज का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की परेशानी को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही अस्पताल की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा और डॉक्टरों की जिम्मेदारियों को सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।