Health News : आजकल बड़े रेस्टोरेंट, होटल और फाइव-स्टार कैफे में बोक चॉय की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसे स्टिर-फ्राई, सूप, नूडल्स और सलाद में प्रमुख रूप से इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में किसान यदि इसकी व्यावसायिक खेती करें, तो वे हाई-एंड मार्केट, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डायरेक्ट सप्लाई के जरिए अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
क्या है बोक चॉय?
बोक चॉय, जिसे पक चोई (Pak Choi) या चीनी पत्ता गोभी भी कहा जाता है, एक तेजी से बढ़ने वाली हरी पत्तेदार सब्जी है। शहरी बाजारों में इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, और बढ़ती मांग के कारण यह किसानों के लिए लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।
बोक चॉय की खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ
बोक चॉय ठंडी और समशीतोष्ण जलवायु में सबसे अच्छी तरह बढ़ता है। इसकी खेती के लिए 15-25°C तापमान आदर्श होता है। हल्की दोमट या बलुई दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकासी अच्छी हो, इसकी उपज के लिए उपयुक्त होती है।
बुवाई का सही समय
मैदानी इलाकों में: अक्टूबर से फरवरी
पर्वतीय और ठंडे इलाकों में: मार्च से जून
ग्रीनहाउस में: सालभर उत्पादन संभव
फसल देखभाल और उत्पादन क्षमता
फसल को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर गुड़ाई करें और बायोपेस्टिसाइड्स व कॉपर फंगीसाइड का प्रयोग करें। बोक चॉय की फसल 30-45 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी उत्पादन क्षमता 120-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
बाजार में बढ़ती मांग और संभावनाएँ
बोक चॉय का एक फल बाजार में 120 रुपये तक बिक सकता है। किसान ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन प्राप्त करके अपने उत्पाद का मूल्य बढ़ा सकते हैं। सोशल मीडिया (Facebook, Instagram, WhatsApp Business) पर प्रचार कर और लोकल रेस्टोरेंट तथा होटल के शेफ से संपर्क कर बिक्री को बढ़ाया जा सकता है। इस तरह, यदि बोक चॉय की खेती को स्मार्ट तरीकों से किया जाए, तो यह एक सफल कृषि व्यवसाय बन सकता है।