गरियाबंद जिले के मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित उरतुली घाटी में एक बड़ा सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक ट्रक धान से भरा हुआ सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया। यह हादसा घाटी से नीचे उतरते समय हुआ, और घटनास्थल पर हर किसी की नजरें उस ट्रक पर जा अटकीं, जो अनियंत्रित होकर सड़क से उतर गया। हादसे के बाद ट्रक के चालक ने बताया कि यह दुर्घटना ट्रक में पहले से मौजूद तकनीकी खराबी के कारण हुई थी।
ट्रक देवभोग के दीवानमुड़ा धान खरीदी केंद्र से धान लेकर कुंडेलभाठा संग्रहण केंद्र की ओर जा रहा था। ट्रक में लगभग 300 क्यूंटल धान लोड था, और यह जमीदोष (चालू रहने की हालत में नहीं) हो गया था। जैसे ही ट्रक घाटी से दोपहर में नीचे उतरने लगा, चालक को गाड़ी में तकनीकी खराबी का अहसास हुआ, और गाड़ी अनियंत्रित हो गई। इसकी वजह से ट्रक सड़क से उतरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि, इस दुर्घटना में ट्रक ड्राइवर और कंडक्टर दोनों ही पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
चालक के अनुसार, ट्रक की फिटनेस में पहले से ही कुछ तकनीकी खराबी थी, जिसकी वजह से गाड़ी का नियंत्रण खो दिया गया। यह सवाल उठता है कि जब गाड़ी की फिटनेस सही नहीं थी, तो उसे सरकारी परिवहन के तहत क्यों संचालित किया जा रहा था। ट्रकों की नियमित फिटनेस जांच और सही रखरखाव बहुत जरूरी होता है, खासकर जब वे ऐसी स्थानों से गुजरते हैं जो पहाड़ी इलाकों या ढलानों से जुड़े होते हैं। तकनीकी खराबी के कारण ही यह हादसा हुआ और यदि समय रहते इसे ठीक किया जाता तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था।