Mahakumbh 2025 : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर होगा। इस दिन होने वाला अंतिम और प्रमुख शाही स्नान महाकुंभ के आधिकारिक समापन का प्रतीक होगा। बीते 45 दिनों तक चले इस ऐतिहासिक आयोजन ने कई कीर्तिमान स्थापित किए, जहां श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी और व्यवस्थाओं को नया आयाम दिया।
महाकुंभ 2025: ऐतिहासिक रिकॉर्ड तोड़ने वाला आयोजन
श्रद्धालुओं की संख्या: अनुमानित तौर पर अब तक 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य स्नान किया।
ट्रैफिक प्रबंधन : लाखों वाहनों की आवाजाही के बावजूद प्रभावी यातायात नियंत्रण किया गया।
सफाई व्यवस्था : पहली बार इतनी बड़ी संख्या में स्वच्छता कर्मी तैनात किए गए, जिससे प्रयागराज को साफ-सुथरा बनाए रखने में मदद मिली।
144 साल बाद ऐसा अद्भुत महाकुंभ
इतिहास में यह पहला अवसर है जब 144 साल बाद महाकुंभ में श्रद्धालुओं का ऐसा जनसैलाब उमड़ा। इस बार लोगों का अटूट विश्वास और आस्था का महासंगम देखने को मिला।
कुछ दुखद घटनाएं भी आईं सामने
भीड़ की अधिकता के कारण कई स्थानों पर अव्यवस्थाएं भी देखी गईं। कुछ स्थानों पर भगदड़ और दुर्घटनाओं की भी खबरें आईं, जिससे माहौल गमगीन हो गया। प्रशासन और सुरक्षा बलों ने हालात को संभालने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का भव्य समापन
26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर होने वाले अंतिम स्नान के साथ महाकुंभ 2025 का समापन होगा। इस अंतिम पर्व स्नान के लिए श्रद्धालुओं का विशाल जनसमूह एक बार फिर संगम में पुण्य की डुबकी लगाएगा और इसके साथ ही यह भव्य आयोजन समाप्त हो जाएगा। महाकुंभ 2025 ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आस्था की शक्ति अद्वितीय होती है, जो पूरी दुनिया को भारत की सनातन परंपराओं की ओर आकर्षित करती है।