कोलकाता। CBI ने रायपुर में पदस्थ BSF कमांडेंट को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। बीएसएफ कमांडेंट का नाम सतीश कुमार है। आरोप है कि कमांडेंट की भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे एक पशु तस्करी गिरोह में संलिप्तता है। सीबीआई ने कुमार को आज पूछताछ के लिए बुलाया था। कई घंटे की पूछताछ के बाद अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार करने का फैसला किया। सीबीआई के सूत्र ने कहा, ‘‘सतीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें कल एक अदालत में पेश किया जाएगा।’’
मंगलवार को साल्टलेक स्थित सीबीआई कार्यालय में सुबह से कमांडेंट सतीश कुमार से पूछताछ हो रही थी। सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान कमांडेंट सतीश कुमार के जवाब से असंतुष्ट अधिकारियों ने सतीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। सतीश को कल अदालत में पेश किया जाएगा. अदालत में सीबीआई अपनी हिरासत में लेने के लिए अपील करेगी। उसके बाद पूछताछ के बाद सीबीआई मवेशी तस्करी से जुड़े तथ्यों का पता लगाएगी।
कई बड़े लोगों के नाम आये थे शुरुआती जांच में सामने
सीमा पार पशु व्यापार मामले में मास्टरमाइंड और कथित पशु तस्कर में से एक मोहम्मद इनामुल हक को सीबीआई ने हाल में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। हक की गिरफ्तारी पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दो चार्टर्ड एकाउंटेंट के आवासीय और कार्यालय परिसरों के पांच स्थानों पर तलाशी के बाद मिले कागजात के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।
21 सितंबर को दर्ज हुई थी कमांडेंट सतीश कुमार पर FIR
सीमा सुरक्षा बल (BSF) कमांडेंट सतीश कुमार के साथ इनामुल हक के खिलाफ 21 सितंबर को दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी (FIR) में मुख्य आरोपी के रूप में नामजद किया गया था। कुमार वर्तमान में छत्तीसगढ़ के रायपुर में तैनात थे।
दोनों के अलावा, सीबीआई ने एक प्रारंभिक जांच के बाद सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा दुराचार के आरोप में अरनुल एसके, मोहम्मद गोलाम मुस्तफा और अन्य अज्ञात व्यक्तियों का नाम लिया है, जिसमें अवैध व्यापार में भारत-बांग्लादेश सीमा (India-Bangladesh) पर तैनात अधिकारियों की संलिप्तता का पता चला है।
गायों की तस्करी में शामिल रहे हैं बीएसएफ कमांडेंट
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कमांडेंट सतीश कुमार ने दिसंबर 2015 और अप्रैल 2017 के बीच पश्चिम बंगाल में अपनी पोस्टिंग के दौरान 20 हजार से अधिक गायों को कथित तौर पर जब्त कर लिया, इससे पहले कि उन्हें बांग्लादेश पहुंचाया जा सके, लेकिन इसमें शामिल वाहनों को जब्त नहीं किया गया।
बीएसएफ अधिकारी ने सीमा शुल्क अधिकारियों और तस्करों के साथ मिलकर 24 घंटे के भीतर जब्त मवेशियों की नीलामी की। मामले में नामित तस्करों ने आरोपी अधिकारियों को पैसे दिए। सीमा शुल्क अधिकारियों ने मामले में नामजद सफल नीलामीकर्ताओं से नीलामी मूल्य का 10 प्रतिशत रिश्वत लिया।
बीएसएफ अधिकारी का बेटा इनामुल हक की कंपनी में था कार्यरत
बीएसएफ अधिकारी का बेटा भुवन हक इंडस्ट्रीज द्वारा प्रमोट की गई कंपनी हक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में कार्यरत था। भुवन को मई 2017 और दिसंबर 2017 के बीच प्रति माह वेतन के रूप में 30,000 से 40,000 रुपये का भुगतान किया गया, जो मवेशी तस्करी रैकेट के साथ उसके संबंधों को दशार्ता है।