रायपुर। budget session 2025 : विधानसभा में शुक्रवार को साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट का मामला गरमाया। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने साइबर ठगी की रकम और पीड़ितों को वापस की गई राशि पर गृह मंत्री विजय शर्मा से सवाल किए।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि अब तक 168 करोड़ रुपए की ठगी राशि में से करीब 5.20 करोड़ रुपए की राशि वापस कराई गई है। उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के 12 प्रकरण सामने आए हैं और इन सभी मामलों में कार्रवाई की गई है।
इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि 1795 बैंक खाते साइबर ठगी से जुड़े हैं, जिनमें से 921 खातों में ठगी की रकम पाई गई थी, लेकिन इन खातों को अब तक बंद क्यों नहीं किया गया? इस पर गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि ठगी की राशि एक खाते से दूसरे खाते में शिफ्ट कर दी जाती है, इसलिए प्रारंभिक खातों को ही बंद किया जाता है।
अजय चंद्राकर ने यह भी कहा कि अब तक 722 साइबर ठगों को चिन्हित किया गया है, लेकिन इनमें से केवल 300 के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है। शेष ठगों के खिलाफ कब कार्रवाई होगी? इस पर मंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया कि बीते वर्ष 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का डिजिटल ट्रांजैक्शन हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत का डिजिटल ट्रांजैक्शन मॉडल अब जर्मनी भी अपना रहा है और छोटे व्यापारियों तक डिजिटल भुगतान प्रणाली पहुंच गई है।
मंत्री विजय शर्मा ने स्वीकार किया कि डिजिटल ट्रांजैक्शन के साथ-साथ साइबर अपराध भी बढ़े हैं, जो न केवल राज्य बल्कि वैश्विक चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार भी साइबर क्राइम रोकने के प्रयास कर रही है और राज्य में लंबित मामलों पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
अजय चंद्राकर ने पूछा कि साइबर अपराध रोकने के लिए सरकार के पास क्या विशेषज्ञता है? इस पर गृहमंत्री ने बताया कि राज्य में नई सरकार बनने के बाद एक साइबर भवन का निर्माण किया गया है और आधुनिक डिवाइसेस लाई गई हैं।
चंद्राकर ने आगे सवाल किया कि उपकरण तो जुटा लिए गए हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए कितने विशेषज्ञ मौजूद हैं? साथ ही, साइबर थाना खोलने की घोषणा हुई थी, उसका क्या हुआ? इस पर विजय शर्मा ने बताया कि पांच संभाग रेंजों में थानों को साइबर थानों में अपग्रेड किया गया है और सभी थानों में साइबर सेल खोली जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि पाँच साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है, हालांकि विशेषज्ञों को बाहर से लाने के बजाय मौजूदा मैनपावर को ही प्रशिक्षित किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने के तहत इंडियन साइबर क्राइम सेंटर से 129 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों से साइबर क्राइम की रोकथाम की उम्मीद की जा रही है, लेकिन विपक्ष ने इस पर और ठोस कार्रवाई की मांग की है।