बिलासपुर | CG: संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सिम्स लेकिन इस अस्पताल में हादसों के शिकार घायलों के लिए कोई जगह नहीं है! 2011 में ट्रॉमा सेंटर की मंजूरी मिली थी, लेकिन 14 साल बाद भी इमारत तक खड़ी नहीं हो पाई!
लेकिन इलाज के नाम पर सिर्फ सरकारी झूठ परोसा जा रहा है! सबसे बड़ा सवाल ये है कि ट्रॉमा सेंटर के नाम पर अब तक 11 करोड़ से ज्यादा सिर्फ सैलरी में खर्च कर दिए गए. लेकिन इलाज एक भी मरीज का नहीं हुआ!
सड़क हादसे हर साल सैकड़ों जिंदगियां निगल रहे हैं 2022 में 1423 हादसे,334 मौतें,2023 में 1511 हादसे, 364 मौतें और 2024 में अब तक 1346 हादसे, 348 लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन ये आंकड़े सिम्स के ट्रॉमा सेंटर को फाइलों से बाहर नहीं ला पाए, 10 करोड़ की योजना बनी 2.62 करोड़ के उपकरण 7.50 करोड़ की बिल्डिंग लेकिन जमीन ही तय नहीं हुई!11 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती हो गई. अब तक 11.03 करोड़ सिर्फ वेतन में उड़ गए! सिम्स प्रबंधन कह रहा है कि नया ट्रॉमा सेंटर कोनी में बनाया जाएगा. लेकिन कब? ये जवाब किसी के पास नहीं है!
बिना इलाज के मरीजों की मौत का जिम्मेदार कौन? कई सवाल उठते नजर आ रहे है, सिस्टम की सुस्ती की मिसाल बन चुकी है. लेकिन सवाल ये है कि जब तक ये सेंटर बनेगा, तब तक कितनी जिंदगियां और ट्रॉमा में जा चुकी होंगी?