वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब ’’ए प्राॅमिस्ड लैंड’’ में भारतीय राजनीति में भूचाल लाने वाले कई खुलासे किए हैं। भारत में यह किताब इस वजह से ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि ओबामा ने राहुल गांधी को लेकर बड़ी बात लिखी है। वहीं अब एक और नया खुलासा हुआ है, जिसका जिक्र उनकी इसी किताब में हैं। उन्होंने 26/11 मुंबई हमले को लेकर महत्वपूर्ण और सभी को चैंका देने वाली बात लिखी है।
ओबामा ने अपनी नई किताब में दावा किया है कि पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मुंबई के 26/11 हमलों के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रहे थे, जिसके चलते उन्हें राजनीतिक नुकसान भुगतना पड़ा। ओबामा ने लिखा है कि मनमोहन सिंह चिंतित थे कि मुस्लिम-विरोधी भावनाओं में इजाफा हो रहा है तो दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल भाजपा की ताकत बढ़ रही है। इन दोनों बातों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री संघर्ष करते रहे।
इसके अलावा ओबामा की किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ एक हफ्ते में दूसरी बार चर्चा में है. किताब के एक हिस्से में सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी का जिक्र है। ओबामा के मुताबिक, सोनिया ने मनमोहन सिंह को इसलिए प्रधानमंत्री बनाया, क्योंकि वो चाहती थीं कि राहुल गांधी के लिए भविष्य में कोई चुनौती खड़ी न हो सके।
ओबामा लिखते हैं- कई सियासी जानकार मानते हैं कि सोनिया ने मनमोहन को बहुत सोच समझकर पीएम बनाया। मनमोहन सिंह का कोई पॉलिटिकल बेस भी नहीं था। सच्चाई कुछ और है। दरअसल, सोनिया नहीं चाहती थीं कि उनके 40 साल के पुत्र राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य को कोई खतरा हो। वे राहुल को कांग्रेस की कमान सौंपने के लिए भी तैयार कर रही थीं।
ओबामा ने एक डिनर का भी जिक्र किया है। यह ओबामा के सम्मान में मनमोहन सिंह ने होस्ट किया था। सोनिया और राहुल इसमें शामिल हुए थे। ओबामा लिखते हैं- सोनिया बोलने से ज्यादा सुनना पसंद कर रही थीं। जैसे ही पॉलिसी मैटर की तरफ बात होती तो वो बातचीत का रुख अपने बेटे राहुल की तरफ मोड़ देतीं। अब मेरे सामने साफ हो गया था कि सोनिया इंटेलिजेंट हैं और इसे जाहिर भी कर देती हैं। राहुल स्मार्ट और जोशीले दिखे। उन्होंने मेरे 2008 के इलेक्शन कैम्पेन के बारे में भी सवाल किए।
ओबामा के मुताबिक, 1990 के दशक में भारत मार्केट बेस्ड इकोनॉमी था। मिडिल क्लास तेजी से ग्रोथ कर रहा था। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अहम योगदान था। उन्होंने लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए काफी मेहनत और कोशिश की। उनके बारे में कहा जाता है कि वे भ्रष्ट नहीं थे। उन्होंने लिखा है, मैं यह नहीं बता सकता कि सत्ता के शिखर तक सिंह का पहुंचना भारतीय लोकतंत्र के भविष्य का प्रतीक है या ये केवल संयोग मात्र है। ओबामा ने लिखा कि सिंह उस समय भारत की अर्थव्यवस्था, सीमापार आतंकवाद और मुस्लिम विरोधी भावनाओं को लेकर चिंतित थे।