जयपुर। CITIIS 2.0 program : जयपुर में आयोजित 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के दौरान बिलासपुर ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा), नगर निगम बिलासपुर और बिलासपुर स्मार्ट सिटी के बीच “सिटी इन्वेस्टमेंट्स टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन” (CITIIS 2.0) के क्रियान्वयन के लिए एक चतुर्भुज समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर बिलासपुर स्मार्ट सिटी के एमडी अमित कुमार ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
CITIIS 2.0 कार्यक्रम में भारत के 18 शहरों का चयन किया गया है, जिनमें छत्तीसगढ़ से बिलासपुर एकमात्र शहर है। इस कार्यक्रम के तहत शहर स्तर पर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं, राज्य स्तर पर जलवायु-उन्मुख सुधार कार्यों, और राष्ट्रीय स्तर पर संस्थागत सुदृढ़ीकरण एवं ज्ञान प्रबंधन के माध्यम से परिपत्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी।
इससे पहले, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में सीबीजी स्थापित करने के लिए गेल, बीपीसीएल और छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। अब बिलासपुर स्मार्ट सिटी CITIIS 2.0 के तहत अपशिष्ट प्रबंधन, गार्बेज फ्री शहर बनाने और चक्रीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं पर कार्य करेगा।
इस कार्यक्रम के सहयोगी संस्थाएं जर्मन विकास बैंक (केएफडब्ल्यू), एएफडी – फ्रांसीसी विकास एजेंसी और ईयू हैं, जो बिलासपुर स्मार्ट सिटी के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करेंगी।
बिलासपुर को CITIIS 2.0 कार्यक्रम के तहत 100 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी, जिसका उपयोग शहर में स्थायी और समावेशी विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में किया जाएगा।
इस अवसर पर भारत के आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर, एएफडी कंट्री निदेशक लिसे ब्रुइल, ईयू से फ्रैंक विआल्ट, केएफडब्ल्यू कंट्री निदेशक वोल्फ मिथ, दुष्यंत, अतिरिक्त सीईओ एसयूडीए और एमडी स्मार्ट सिटी अमित कुमार उपस्थित थे।
12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का उद्देश्य
जयपुर में 3 से 5 मार्च तक आयोजित 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का उद्देश्य सर्कुलर इकोनॉमी और संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए एक मजबूत नीतिगत ढांचा तैयार करना है। यह फोरम रिड्यूस (कम करना), रीयूज (फिर से उपयोग करना), रीसाइकल (पुनः चक्रण) और सर्कुलिटी (संचालन चक्रीयता) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए समाधान तलाशेगा। इस फोरम में 36 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं और 80 सत्रों के दौरान इन विषयों पर गहन विचार-विमर्श होगा।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस अवसर पर कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी अब समय की आवश्यकता बन चुकी है। उन्होंने बताया कि इस फोरम के दौरान “जयपुर डिक्लेरेशन” नाम से एक रणनीति तैयार की जाएगी, जो सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए मार्गदर्शन करेगी। साथ ही “सीटीज़ कोलिशन फॉर सर्कुलेटरी” (C3) नामक प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया जाएगा, जो ज्ञान, तकनीकी विशेषज्ञता और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक बहुराष्ट्रीय गठबंधन होगा।