रायपुर। CG VIDHANSABHA : राजधानी का एकमात्र सिकलसेल संस्थान आज अव्यवस्था का शिकार हो गया है, यहां न तो विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और न पर्याप्त स्टॉफ है, जिससे इस बीमारी के मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। विधानसभा में आज सत्ता पक्ष के विधायक ने यह मामला उठाते हुए विभागीय मंत्री से पूछा कि कि कब तक यह संस्थान सर्वसुविधायुक्त हो जाएगा। मंत्री ने जल्द ही यहां सारी व्यवस्था सुधारने का भरोसा सदन को दिलाया है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से यह मामला सदन में उठाया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस समय सिकलसेल के 25 लाख मरीज हैं और हर साल एक फीसदी मरीज बढ़ रहे हैं । ऐसे मरीजों को लाभ पहुंचाने राजधानी में शासकीय शिकलसेल संस्थान खोला गया था परंतु यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई न ही लाखों की मशीनों को ऑपरेट करने मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की गई। यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना दो साल से कागजों में अटकी पड़ी है। अस्पताल के लिए लाखों का बजट प्रावधान होने के बाद भी मरीजों को इलाज के नाम पर सिर्फ ओपीडी की पर्ची दी जा रही है। भाजपा विधायक ने सरकार से पूछा कि कब तक यहां व्यवस्था सुधरेगी और मरीजों को इलाज की पूरी सुविधा मिल सकेगी।
जवाब में स्वास्थ मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि इस अस्पताल के 180 कर्मचारियों का सेटअप स्वीकृत है जिसमें सिर्फ 27 कार्यरत हैं 153 पद रिक्त हैं । वर्तमान में संस्थान में पंजीकृत मरीजों की संख्या 8943 है। इन मरीजों को यहां आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि जल्द ही इस संस्थान की सभी कमियां दूर कर इसे सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाएंगे।