रायपुर। CG NEWS : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी की वजह सामने आने लगी है। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले में संलिप्त लोगों के साथ उनके ‘संबंधों’ के कारण की गई है।
ईडी ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। एजेंसी के अनुसार, इस घोटाले के तहत शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों को 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई हुई।
पूर्व में हुई गिरफ्तारियां
ईडी ने इस मामले में जनवरी में बड़ी कार्रवाई की थी। इस दौरान पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा, रायपुर के मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी समेत अन्य कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।
2019 से 2022 के बीच हुआ घोटाला
ईडी के अनुसार, यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच का है, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी। अब तक की जांच में ईडी ने विभिन्न आरोपियों की करीब 205 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी की इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है। कांग्रेस पार्टी ने इसे बदले की राजनीति बताया है, जबकि भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया जरूरी कदम करार दिया है।