दुर्ग। CG NEWS : त्योहारी सीजन के आते ही बाजारों में खाद्य पदार्थों की मांग तेजी से बढ़ जाती है, लेकिन इसी के साथ मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं। दुर्ग जिले में नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है, जिससे आम जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन की ओर से खाद्य एवं औषधि विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन ठोस कदमों की कमी के कारण यह समस्या अब भी बनी हुई है।
फूड सेफ्टी टीम की सख्ती
जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनोज दानी ने बताया कि फूड सेफ्टी ऑफिसर विभिन्न बाजारों में निरीक्षण कर रहे हैं और मिठाई, दूध, घी, तेल, मसाले समेत अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं। अब तक 22 सैंपल जांच के लिए रायपुर स्थित प्रयोगशाला में भेजे जा चुके हैं, जिनकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मोबाइल टेस्टिंग लैब की त्वरित जांच
नकली खाद्य पदार्थों की पहचान के लिए प्रशासन ने मोबाइल टेस्टिंग लैब को भी सक्रिय किया है। यह यूनिट विभिन्न बाजारों में जाकर खाद्य पदार्थों की मौके पर ही जांच कर रही है। इससे प्रशासन को तुरंत आकलन करने में मदद मिल रही है और मिलावटखोरी पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
मिठाइयों में मिलावट का खतरा
त्योहारों के दौरान मिठाइयों की मांग सबसे ज्यादा रहती है, लेकिन इनमें सिंथेटिक रंग, खराब दूध और नकली खोवा मिलाकर बेचे जाने की शिकायतें मिल रही हैं। मिलावटी खाद्य पदार्थों से गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
कानूनी कार्रवाई का प्रावधान
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत यदि किसी विक्रेता या निर्माता को मिलावट का दोषी पाया जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना, लाइसेंस रद्द करना और जेल की सजा तक का प्रावधान है।
जनता को रहना होगा सतर्क
दुर्ग जिले में मिलावटखोरी पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यह समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है। ऐसे में आम नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा और मिलावटी उत्पादों की पहचान कर उन्हें खरीदने से बचना होगा। प्रशासन और जनता के संयुक्त प्रयास से ही इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है।