जांजगीर-चाम्पा | CG : जिले में रंगों का त्योहार होली बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाए जाने वाले इस त्योहार पर मादर के धुन पर नुक्कड़ और गली में ‘बुरा न मानो होली है’ की गूंज सुनाई देती रही। सभी लोग टोलियां बनाकर सड़कों पर रंग लेकर एक दूसरे को रंगते नजर आते हैं। इसके साथ ही ढोल की धुनों और तेज संगीत पर नाचते लोग अपने तरीके से ही होली का जश्न मनाते नजर आए। होली पर क्या बच्चे और जवान सभी एक ही रंग में नजर आ रहे थे। भाईचारे के प्रतीक होली पर गिले-शिकवे भूलाकर लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। कहीं लोग मीठे पकवानों का आनंद उठा रहे थे, तो कहीं पर पानी की बौछारें सर्दी जाने और गर्मी के आने का संकेत दे रही थीं।
होलिका के राख से एक-दूसरे को लगाया तिलक
होली की पूर्वको को जिले के अंचल समेत अन्य क्षेत्रो में होलिका दहन के समय लकड़ियों से बनाई गई होलिका के आस पास इकट्ठा हुए। देर शाम होलिका की आग में गेहूं व चने की बाले भूनकर खाया। ग्रामीण इलाकों में युवक अपने-अपने गांव की सीमा के बाहर मशाल जलाकर रास्ता रोशन किया। मान्यता है कि ऐसा करने से वे अपने गांव से दुर्भाग्य और संकटों को दूर भगाते हैं। होलिका के जलते ही ग्रामीण इलाकों में लोक-पारंपरिक गीतों के साथ गांव बुजुर्गों ने ताल ठोकी। एक से बढकर एक लोकधुनों के साथ होली के गीत गाए गए। उसके बाद होलिका की राख से एक-दूसरे को तिलक लगाया और बधाई दी।
मादर व मजीरे की थाप पर झूमते हुए मनाई होली
रंगों का पर्व होली पर सुबह से ही मादर मजीरे की थाप पर फाग गाते हुए युवाओं की टोली क्षेत्र में भ्रमण पर निकल गई। मित्रों व चाहने वालों को रंग में सराबोर कर सभी ने खूब लुत्फ उठाया। होली पर बच्चों सहित बुजुर्गों का उल्लास देखते ही बन रहा था। नीला पीला हरा गुलाबी कच्चा पक्का रंग से रंगे नागरिक गले मिलकर एक दूसरे को बधाईयां दीं। रंगों के इस अनूठे पर्व को मनाने में महिलाएं व बच्चियां भी पीछे नहीं दिखीं। महिलाएं भी ग्रुप बनाकर होली खेलीं। कई मोहल्लों में तो उत्साही युवाओं की टोलियांं द्वारा डीजे की धुन पर थिरकते हुए होली मनाई गई। लोगों ने आपसी भाईचारे के साथ ही इस त्योहार पर एक दूसरे को अबीर गुलाल लगा कर मनाई। सुबह से देर शाम तक लोग होली के रंगों में रंगे रहे। और होली खेले रघुवीरा अवध में होली खेले रघुवीरा… पारंपरिक गीत की आवाज गूंजती रही। उत्साह उमंग के त्योहार के मौके पर पूरा जांजगीर-चाम्पा जिला डूबा रहा। बच्चों व युवाओं ने बुजुर्गों के पैरों पर अबीर डाल कर लिया आशीर्वाद!