नई दिल्ली। देश में जल संरक्षण को लेकर गुरुवार को उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने भी कहा कि अन्य समाचार चैनलों को भी पानी के इस तरह की खास मुहिम चलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि पानी के प्रति हमें इस विचार से बचना होगा कि ‘चलता रहेगा.’ पानी के उचित प्रबंधन पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि सभी को समान रूप से स्वच्छ जल मिले.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी के लिए वर्षा जल संचयन के लिए गड्ढ़े खोदना अनिवार्य किया जाना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को बचाने के लिए हर नागरिक को जल योद्धा बनना होगा और पानी की हर एक बूंद को बचाना होगा. हमें सामूहिक कार्रवाई करनी होगी.
कहा कि हमें एक साथ आगे आना होगा. हमें घरों, दफ्तरों में पानी बचाने के तरीकों पर काम करना होगा. रेन हार्वेस्टिंग पर जोर देना होगा. देश और समाज के प्रति आप अपनी जिम्मेदारियों को निभाइए. जल को व्यर्थ ना जानें दें.उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह काम सिर्फ सरकार का नहीं है. हमें सामूहिक रूप से आना होगा.
‘चलता है’ वाले रवैए से काम नहीं चलेगा- उपराष्ट्रपति
इस दौरान उपराष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश स्थित बाराबंकी का उदाहरण दिया कि कैसे उन्होंने कल्याणी नदी का पुनरुद्धार किया.उपराष्ट्रपति ने कहा कि पानी की बढ़ती मांग के साथ हमें उसके सही प्रबंधन पर जोर देना होगा. हमें भूगर्भ जल स्तर पर भी काम करना होगा. हर तालाब और नदी को सुरक्षित बनाने का काम शुरू करना होगा और उन्हें प्लास्टिक से बचाना होगा.
चेन्नई राजभवन से कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि नीति आयोग ने बताया है कि 2030 तक भारत में पीने के पानी की कमी पड़ जायेगी. स्थिति चिन्ता जनक है. अब ‘चलता है’ वाले रवैए से काम नहीं चलेगा।