गरियाबंद — मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मोत्सव, श्रीराम नवमी के पावन अवसर पर गरियाबंद नगर भक्ति और आस्था के रंग में सराबोर हो उठा। हिंदू रक्षा मंच के तत्वावधान में सोमवार को आयोजित भव्य शोभा यात्रा ने नगर को श्रीराममय कर दिया। प्रभु श्रीराम के जयघोष और “जय हनुमान” की गूंज ने समूचे वातावरण को त्रेतायुग की दिव्यता से आलोकित कर दिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राजिम विधायक रोहित साहू, भागवताचार्य पंडित युवराज पांडेय, जिला भाजपा अध्यक्ष अनिल चंद्राकर सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे। अतिथियों ने उपस्थित भक्तों को श्रीराम नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
विधायक रोहित साहू ने कहा, “प्रभु श्रीराम का जीवन संपूर्ण मानव जाति के लिए आदर्श है। उन्होंने अपने आचरण, संयम और त्याग के माध्यम से यह सिद्ध किया कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न आएं, अगर हम सत्य, मर्यादा और धर्म के मार्ग पर अडिग रहें, तो अंततः विजय हमारी ही होती है। प्रभु श्रीराम केवल एक राजा नहीं, बल्कि एक ऐसे चरित्र हैं, जिनकी कृपा और आदर्शों से ही हमारा जीवन सार्थक और सफल बनता है। उनके जीवन से हमें कर्तव्यनिष्ठा, परिवार के प्रति समर्पण और समाज के लिए सेवा भाव की प्रेरणा मिलती है। आज के युग में भी अगर हम उनके सिद्धांतों को अपनाएं, तो एक सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण समाज की स्थापना संभव है। आयोजन समिति को इस भ्वय कार्यक्रम के लिए बधाई
दिव्य शोभा यात्रा का शुभारंभ
शोभा यात्रा का शुभारंभ श्रीराम जानकी मंदिर से सायं 5 बजे वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजन-अर्चन के साथ हुआ। शंखनाद और मंगल ध्वनियों के बीच जैसे ही यात्रा प्रारंभ हुई, भक्तों का उत्साह चरम पर पहुँच गया। सबसे आगे पवनपुत्र हनुमान के वेश में सजी वानर सेना, लहराते भगवा ध्वज और श्रीराम तारक मंत्र के जप ने ऐसा समाँ बाँधा कि मानो अयोध्या की पावन धरती गरियाबंद में अवतरित हो गई हो।
प्रभु श्रीराम की झांकियों ने बाँधा समाँ
शोभा यात्रा में श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की जीवंत झांकियाँ भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहीं। अयोध्या के भव्य मंदिर की तर्ज पर सजाए गए रथ पर विराजमान श्रीराम लला की मनोहारी प्रतिमा ने सभी को भावविभोर कर दिया। रथ पर सजे फूलों और रंग-बिरंगे प्रकाश से ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो स्वयं प्रभु अपने भक्तों के बीच पधारे हों। हनुमान जी की भव्य मूर्ति, गदा लिए उनकी शौर्यपूर्ण मुद्रा और भक्तिमय भाव ने श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति की लहरें जगा दीं।
शौर्य और संस्कृति का अनुपम संगम
यात्रा में धमतरी और कोपरा के अखाड़ों ने तलवारबाजी और लाठी-डंडों के साथ शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। इन वीरता भरे प्रदर्शनों को देख भक्तों ने “जय श्रीराम” और “बजरंग बली की जय” के नारों से आकाश को गुंजायमान कर दिया। इसके साथ ही उड़ीसा का प्रसिद्ध घूमड़ा नृत्य और छत्तीसगढ़ का पारंपरिक गौरी घुमाल नृत्य ने शोभा यात्रा को सांस्कृतिक वैभव से सराबोर कर दिया। इन नृत्यों ने जहाँ एक ओर भक्ति को उभारा, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया।
आचार्य युवराज पांडेय का भक्तिमय उद्बोधनकार्यक्रम में भागवताचार्य पंडित युवराज पांडेय की उपस्थिति ने शोभा यात्रा को और अधिक आध्यात्मिक ऊँचाई प्रदान की। अपने उद्बोधन में आचार्य युवराज पांडेय ने कहा, “श्रीराम नवमी केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेने का पवित्र अवसर है। भगवान श्रीराम का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म और मर्यादा के पथ पर चलकर ही मानव जीवन का उद्धार संभव है। आज यह शोभा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भक्तों के हृदय में राम भक्ति की अलख जगाने का माध्यम बनी है।” उन्होंने आगे कहा, “हनुमान जी का समर्पण और श्रीराम की कृपा ही हमें जीवन में शक्ति और शांति प्रदान करती है।
नगर हुआ श्रीराममय
शोभा यात्रा के मार्ग में जगह-जगह भव्य स्वागत द्वार सजाए गए थे। भक्तों ने पुष्पवर्षा, आरती और प्रसाद वितरण के साथ यात्रा का स्वागत किया। बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएँ सभी भक्ति में लीन होकर प्रभु श्रीराम के जयकारे लगा रहे थे। हर गली, हर चौराहा “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” की भक्तिमय धुनों से गूंज उठा। यह दृश्य देख ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो समूचा गरियाबंद प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित हो गया हो।
सुरक्षा और शांति का प्रतीक
प्रशासन द्वारा की गई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ने इस भव्य आयोजन को और भी सुचारु बनाया। शोभा यात्रा पूर्णतः शांतिपूर्ण और भक्तिमय वातावरण में संपन्न हुई। समापन के अवसर पर संत महात्माओं ने भगवान श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम जीवन की महिमा का बखान किया। उन्होंने कहा, “प्रभु श्रीराम का जीवन हमें सत्य, धर्म और करुणा का मार्ग दिखाता है। हमें उनके आदर्शों को आत्मसात कर समाज में प्रेम और एकता का संदेश फैलाना चाहिए।” अंत में सभी भक्तों को श्रीराम नवमी की मंगलमय शुभकामनाएँ दी गईं।
नगरवासियों में उत्साह
शोभा यात्रा के समापन के बाद भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। देर रात तक मंदिरों में भजन-कीर्तन और श्रीरामचरितमानस के पाठ का आयोजन होता रहा। गरियाबंद के इस भव्य आयोजन ने न केवल स्थानीय निवासियों के हृदय में भक्ति की ज्योति प्रज्वलित की, बल्कि यह संदेश भी दिया कि प्रभु श्रीराम की कृपा से ही जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति संभव है।कार्यक्रम आयोजक हिंदू रक्षा मंच के सभी सदस्य उपस्थीत रहे