उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में सन्नाटा पसरा हुआ था, पर वन परिक्षेत्र तौरेंगा की टीम की नजरें चौकस थीं। एक गुप्त सूचना ने जैसे पूरे वन अमले में सनसनी फैला दी।
वन मंत्री केदार कश्यप, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) श्री सुधीर अग्रवाल एवं सहायक संचालक श्री जगदीश प्रसाद दरों, श्री गोपाल सिंह कश्यप के मार्गदर्शन में, तौरेंगा (बफर) की टीम ने दिनांक 03.04.2025 को एक खुफिया कार्रवाई को अंजाम दिया। गाजीमुड़ा के जंगल, कक्ष क्रमांक 1192 में अवैध शिकार का खुलासा करते हुए टीम ने कोटरी के मांस, पेंगोलिन की शल्क और अज्ञात वन्यप्राणी के मांस समेत कई सबूत बरामद किए।
सर्च वारंट के साथ की गई इस कार्रवाई में दो शिकारियों – रोशन लाल (50 वर्ष) और अर्जुन सिंह (49 वर्ष), निवासी ग्राम गरीबा को गिरफ़्तार किया गया। आरोपियों के पास से शिकार में उपयोग किया गया जाल, फंदा, कुल्हाड़ी और कोटरी का मांस बरामद हुआ। रोशन लाल को क्राइम सीन पर ले जाकर रीक्रिएशन किया गया, जहां से उसने फंदा और कुल्हाड़ी की निशानदेही की।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धाराओं 9, 27(1), 29, 31, 39, 49, 50, 51, 52 के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को दिनांक 05.04.2025 को न्यायालय में पेश किया गया।
इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में श्री केजूराम कोरचे, श्री गौरीशंकर भोई, श्री राकेश सिंह परिहार, श्रीमती रिंकी जोशी, श्री तुकेश्वर यदु, श्री उदेराम यादव समेत समर्पित वनकर्मियों और दैनिक वेतनभोगी स्टाफ का विशेष योगदान रहा।
शाकाहारी वन्यप्राणियों के शिकार से जंगलों में खलल – मांसाहारी अब आबादी की ओर कर रहे रुख!
जंगल की जैव विविधता पर मंडरा रहे खतरे का यह ताजा उदाहरण है। वन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इस तरह के अपराध सिर्फ वन्यजीवों के लिए नहीं, बल्कि मानव बस्तियों के लिए भी बड़ा खतरा बन सकते हैं।