बिलासपुर। CG NEWS : छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से महज 26 किमी पहले मुंगेली जिले में स्थित खम्हारडीह में मनियारी नदी के तट पर स्थापित छत्तीसगढ़ की प्रथम वेद पाठशाला श्रीचक्र महामेरू पीठम् अपने आप में दिव्य और अलौकिक है। यह एक ऐसा परमधाम है, ऐसी तपोभूमि है, जहां श्रीचक्र महामेरु पीठाधीश्वर श्री श्री सच्चिदानदं तीर्थ महास्वामी के तपोबल से राजराजेश्वरी मैया विराजमान होने वाली हैं। श्रीचक्र महामेरू पीठम् पीठाधीश्वर महास्वामी के प्रमुख कार्यकर्ता पं. डॉ कौशल किशोर दुबे ने बताया कि आश्रम परिसर में दिव्य 51 फीट ऊँचा दक्षिण भारत की कलाकृति से निर्माणाधीन देवी श्री राजराजेश्वरी मंदिर का भूमिपूजन समारोह 23 अप्रैल को होने जा रहा है। इस समारोह के उपलक्ष्य में कृष्णागिरी पीठाधीश्वर जगदगुरु श्री वसंत विजयानंद गिरि जी महाराज का आगमन 18 अप्रैल को होने जा रहा है।
पं. कौशल किशोर दुबे ने श्रीचक्र महामेरु पीठाधीश्वर श्री श्री सच्चिदानदं तीर्थ महास्वामी के निर्देश पर आगे बताया कि इस राजराजेश्वरी मैया के मंदिर निर्माण हेतु आयोजित भूमिपूजन समारोह 23 अप्रैल को प्रसिद्ध कथावाचक पं. अनिरूद्धाचार्य जी महाराज की उपस्थिति सनातन समाज के लिए दिव्य अनुभूति कराएगी। उन्होंने सनातन समाज से अपील की है कि इस अनुष्ठान में सभी उन्मुक्त भाव से तन, मन, धन से सहयोग कर माँ राजराजेश्वरी की कृपा प्राप्त करें एवं अपना जीवन कृतार्थ करें।
उल्लेखनीय है कि मनियारी नदी के तट पर स्थापित श्रीचक्र महामेरू पीठम् में देशभर से आए बटूकों को वेद, शास्त्र सहित सनातन शिक्षा देने का अभुतपूर्व कार्य किया जा रहा है। इस आश्रम में श्रीचक्र महामेरु पीठाधीश्वर श्री श्री सच्चिदानदं तीर्थ महास्वामी के सानिध्य में हर साल दर्जनों सनातनी बच्चों का भविष्य निखर रहा है। वहीं इस परमधाम में पहुंचकर सैकड़ों लोग गुरूदीक्षा संस्कार का सौभाग्य भी प्राप्त कर रहे हैं।
राजराजेश्वरी मैया के मंदिर निर्माण हेतु भूमिपूजन के इस भव्य कार्यक्रम में संत समागम भी होने जा रहा है, जिसमें स्वामी विशोकानंद भारती निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर, स्वामी श्री चक्रपाणी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय हिंदू महासभा, स्वामी विश्वानंद तीर्थ, खम्हारडीह, स्वामी उमेश आनंद गिरी, श्री महंत जूना अखाड़ा छत्तीसगढ़, स्वामी कृष्णानंद, कोलकाता, स्वामी रामानंद, कोलकाता, महंत तारकेश्वरपुरी, गिरिजावन रतनपुर, रामरूपदास त्यागी, मदकुद्वीप, स्वामी राजेश्वरानंद, प्रदेशाध्यक्ष संत महासभा, साध्वी सुमिरन माई, भैरवी साधक, राजनांदगांव की गरिमामयी उपस्थिति नजर आएगी।