बिलासपुर। CG: ज़िले के रतनपुर क्षेत्र से सटे घासीपुर गांव में जंगल की जमीन को कृषि भूमि बताकर औद्योगिक उपयोग के लिए डायवर्ट किए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। इस जमीन पर एक रिसॉर्ट बनाए जाने की तैयारी थी, लेकिन कलेक्टर अवनीश शरण की सख्ती के चलते न केवल जमीन का डायवर्सन रद्द कर दिया गया है, बल्कि निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है।
खसरा नंबर 61/10 की 2.023 हेक्टेयर जमीन राजस्व अभिलेखों में ‘बड़े झाड़ के जंगल मद’ के रूप में दर्ज है। इस भूमि को कृषि के तौर पर दिखाकर नवंबर 2024 में औद्योगिक उपयोग के लिए डायवर्ट कर दिया गया था। शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने एसडीएम एसएस दुबे से जांच करवाई, जिसमें सामने आया कि जमीन अभी भी निस्तार पत्रक में शामिल है और उसका विभाजन नहीं हुआ है। मामले में तत्कालीन एसडीएम युगल उर्वशा की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, जिन्होंने डायवर्सन की मंजूरी दी थी। हालांकि, उनके खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
भूमि के पक्षकार ने अपनी सफाई में बताया कि वह भूतपूर्व सैनिक हैं और यह ज़मीन उन्हें पट्टे पर मिली थी, जिसका ज़िक्र 1983 में जारी नायब तहसीलदार के आदेश में भी किया गया है। बावजूद इसके, राजस्व अभिलेखों में दर्ज स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने डायवर्सन आदेश को निरस्त कर दिया।
अपर कलेक्टर कुरूवंशी ने बताया कि कोटा एसडीएम द्वारा मामले का परीक्षण कर कलेक्टर से अनुमोदन प्राप्त किया गया। इसके बाद आवेदक का पक्ष सुनने के उपरांत अनुभागीय अधिकारी को निर्देश दिए गए कि वे प्रकरण का न्यायसंगत निराकरण करें। निर्णय स्वरूप, एसडीएम कोटा द्वारा ‘छोटे झाड़ के जंगल मद’ में किए गए डायवर्सन को निरस्त कर दिया गया है।