तिल्दा।CG NEWS :संघर्ष और संगठन की ताकत क्या होती है, इसका जीवंत उदाहरण देखने को मिला तिल्दा के रामदूत इस्पात प्राइवेट लिमिटेड संयंत्र में, जहां एक दुर्घटनाग्रस्त मजदूर को न्याय दिलाने के लिए पूरे गांव और जनप्रतिनिधियों ने एकजुट होकर लंबी लड़ाई लड़ी।
3 मार्च 2024: दर्द और अन्याय की शुरुआत
संयंत्र में कार्यरत मजदूर भुवन बंजारे एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गए। कार्यस्थल पर गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें पहले तिल्दा अस्पताल और फिर रायपुर रेफर किया गया। इलाज के दौरान स्पष्ट हुआ कि भुवन अपने दाहिने हाथ से जीवनभर के लिए अपंग हो चुके हैं।
प्रबंधन की बेरुखी और संघर्ष की शुरुआत
परिवार और सहयोगियों ने संयंत्र प्रबंधन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन और उपेक्षा मिली। हार न मानते हुए भुवन बंजारे ने भारतीय जनता ट्रेड यूनियन काउंसिल के प्रदेश सचिव एवं नव निर्वाचित सरपंच प्रतिनिधि योगेन्द्र बघेल से संपर्क किया। इसके बाद न्याय की लड़ाई ने रफ्तार पकड़ी।
संघर्ष की राह: आवेदन से आंदोलन तक
योगेन्द्र बघेल ने पहले प्रशासनिक स्तर पर SDM कार्यालय व थाने में आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन कार्यवाही ना होने पर जनसंगठनों के साथ मिलकर आंदोलन की राह अपनाई। लगातार दबाव और जनसमर्थन ने प्रशासन व संयंत्र प्रबंधन को झुकने पर मजबूर कर दिया।
संघर्ष की जीत: मिला मुआवजा और पेंशन
19 अप्रैल 2025 को संयंत्र प्रबंधन ने भुवन बंजारे को 6 लाख रुपये का मुआवजा चेक सौंपा। साथ ही, 60 वर्ष की आयु तक मासिक पेंशन देने की घोषणा की गई। यह न सिर्फ भुवन के लिए राहत की खबर है, बल्कि क्षेत्र के सभी मजदूरों के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल भी है।
इनका रहा अहम योगदान
इस न्यायिक लड़ाई में कई जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने अहम भूमिका निभाई:
– जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि महेन्द्र साहू
– कुंदरु सरपंच यशवंत वर्मा
– पूर्व जनपद सदस्य तुलसी राम गौतम
– जलसों नकटी सरपंच योगेन्द्र बघेल
– उप सरपंच दिनेश वर्मा
– खमहरिया सरपंच प्रतिनिधि अरविन्द खत्री
– पंच आनंद बंजारे, अरविंद बंजारे, पिंटू साहू, दीपक यादव सहित अनेक ग्रामीणों ने एकजुट होकर भुवन के हक की लड़ाई को मजबूत किया।