जांजगीर-चांपा।CG NEWS :जहां एक ओर उम्र बढ़ने पर लोग आराम पसंद जिंदगी की ओर बढ़ जाते हैं, वहीं दूसरी ओर चांपा के 72 वर्षीय अशोक विश्वकर्मा पर्यावरण संरक्षण के लिए आज भी हर दिन साइकिल से पौधे लगाने निकलते हैं। वर्ष 2006 से निरंतर ‘हनुमान धारा’ क्षेत्र में वे वृक्षारोपण कर रहे हैं और अब तक 3000 से अधिक पेड़ लगा चुके हैं।
अशोक विश्वकर्मा अपने दैनिक अभियान में साइकिल पर पौधे और पानी का डिब्बा लादकर निकलते हैं। वे न केवल पौधे लगाते हैं, बल्कि उन्हें नियमित रूप से पानी देकर सींचते हैं और बड़ा करते हैं। उनका मानना है कि वृक्ष उनके लिए पुत्र समान हैं, जिन्हें बड़ा होते देख उन्हें आत्मिक आनंद मिलता है।
अशोक ने बताया, “मुझे बचपन से ही प्रकृति से गहरा लगाव रहा है। जांजगीर-चांपा में सीमित वन क्षेत्र होने और कर्क रेखा गुजरने के कारण गर्मी अत्यधिक होती है। मैंने 72 की उम्र में अब तक करीब 51 एकड़ क्षेत्र में 2000 पौधे लगाए हैं। यह कार्य मेरे जीवन की सबसे बड़ी संतुष्टि है।”
उनके इस समर्पण को देखकर कई लोग प्रेरित हो रहे हैं। हाल ही में जिले की पर्यावरण एक्टिविस्ट काजल केशर भी उनसे मिलने पहुंचीं और उनके साथ मिलकर पौधों में पानी दिया। उन्होंने लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करते हुए कहा,
“आज मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौती है जल, जंगल और शुद्ध वायु की कमी। लगातार बढ़ती आबादी और आधुनिकीकरण ने पर्यावरण संकट को गंभीर बना दिया है। दुनिया भर की संस्थाएं इस पर रेड अलर्ट जारी कर चुकी हैं। समय रहते अगर हम नहीं जागे, तो प्रकृति का विनाशकारी रूप हम सभी को त्रस्त कर देगा।”
उन्होंने बताया कि जंगलों में आग लगना, ज्वालामुखियों का असमय फटना, पानी का प्रदूषण और जानवरों से फैलती बीमारियां—all यह सब पर्यावरण असंतुलन का ही परिणाम हैं।