श्रीनगर।BIG NEWS : जम्मू-कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल पहलगाम के पास स्थित बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। दोपहर करीब 2:30 बजे, 5-6 आतंकियों ने सैन्य और पुलिस की वर्दी पहनकर पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 27 लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए।

आतंकियों ने पूछे नाम और धर्म, फिर हिंदुओं को बनाया निशाना
चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों से पहले उनका नाम और धर्म पूछा, कुछ से कलमा पढ़ने को भी कहा गया। जो लोग हिंदू निकले, उन्हें निशाना बनाकर गोली मार दी गई। हमलावरों ने 50 से अधिक राउंड फायरिंग की, जिससे पूरी घाटी में भगदड़ मच गई। कई पर्यटकों के सामने उनके परिजनों की हत्या कर दी गई।
मृतकों की पहचान और क्षेत्रीय विविधता
मारे गए लोगों में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, ओडिशा, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल के दो पर्यटक भी हमले में मारे गए। मृतकों में आईबी अधिकारी मनीष रंजन (बिहार) और भारतीय नौसेना के एक लेफ्टिनेंट भी शामिल हैं। साथ ही, दो स्थानीय कश्मीरी नागरिकों की भी मौत हुई।
हमले की जिम्मेदारी ली ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन का कहना है कि यह हमला गैर-स्थानीय लोगों को कश्मीर में बसाने के खिलाफ था।
केंद्र सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने इस हमले को “कायरतापूर्ण और जघन्य” करार दिया और तुरंत श्रीनगर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति की जानकारी दी। पीएम मोदी ने हमलावरों को “न्याय के कठघरे में लाने” का संकल्प लिया।
सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त अभियान
घटना के बाद, भारतीय सेना की विक्टर फोर्स, स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस का SOG, और CRPF ने मिलकर बैसरन घाटी और आसपास के जंगलों में बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। ड्रोन, खोजी कुत्तों और हेलीकॉप्टरों की मदद से आतंकियों की घेराबंदी की जा रही है। पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस हमले को “निर्दयी और अक्षम्य” बताया।
– उमर अब्दुल्ला (मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर): “यह हाल के वर्षों का सबसे बड़ा आतंकी हमला है।”
– अरविंद केजरीवाल: “निहत्थे मासूमों पर हमला मानवता के खिलाफ है।”
स्थानीय नागरिकों ने दिखाई मानवता
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने कई पर्यटकों की जान बचाने में मदद की। पल्लवी, एक चश्मदीद ने बताया कि अगर कश्मीरी युवकों ने उनकी मदद नहीं की होती, तो वे भी मारी जा सकती थीं।
प्रभाव और आगे की चुनौतियां
यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला है और अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। पर्यटन सीजन के चरम पर हुआ यह हमला कश्मीर के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका दे सकता है।
मदद के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर:
– अनंतनाग पुलिस: 9596777669, 01932225870
– व्हाट्सएप: 9419051940
– श्रीनगर पुलिस: 0194-2457543, 0194-2483651
– एडीसी श्रीनगर: 7006058623