हसौद।CG NEWS:सक्ती जिले की हसौद तहसील की जीवनदायिनी महानदी इन दिनों रेत माफियाओं के निशाने पर है। करही-कटही घाट पर खुलेआम और बेखौफ होकर चल रहे अवैध रेत उत्खनन से शासन को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, वहीं पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ता जा रहा है। हालात ये हो गए हैं कि अब रेत खनन रोकने की कोशिश करने वाले ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों पर भी जानलेवा हमले किए जा रहे हैं।
सोमवार रात करही गांव में सरपंच प्रतिनिधि और कुछ पंचों ने अवैध रूप से रेत भर रहे चैन माउन्टेन व हाईवा को रोका। इसकी सूचना मिलते ही रेत माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया। यह हमला इतना गंभीर था कि गांव में तनाव का माहौल बन गया। इस पूरे मामले की शिकायत बिर्रा थाने में की गई है, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्रवाई की खबर नहीं है।
ग्रामीणों का कहना है कि रेत माफियाओं को प्रशासन का खुला संरक्षण प्राप्त है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद ना तो कलेक्टर स्तर पर कोई स्थायी कार्रवाई हुई और ना ही खनिज विभाग ने सख्ती दिखाई। विधायक बालेश्वर साहू ने भी कुछ समय पहले करही घाट पर देर रात छापा मारकर एक चैन माउन्टेन को सील किया था और मौके पर खनिज विभाग के अधिकारियों को बुलाकर सख्त निर्देश दिए थे। इसके बावजूद अवैध उत्खनन जस का तस जारी है, जिससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी या तो माफियाओं के दबाव में हैं या फिर मिलीभगत में।
प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध सक्ती जिला इन दिनों खनन माफियाओं की मनमानी का शिकार होता जा रहा है। रेत से भरे ट्रैक्टर और हाईवा थानों के सामने से गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है। ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल है, क्योंकि विरोध करने पर उन्हें धमकाया जाता है, और नेतागिरी के नाम पर डराया जाता है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि शासन प्रशासन अवैध रेत खनन पर सख्त कदम उठाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। वरना नदियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा, और ग्रामीणों का विश्वास प्रशासन से पूरी तरह उठ जाएगा।