रायपुर।CG NEWS : दिल्ली हाई कोर्ट ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) द्वारा आरके एसोसिएट्स एंड होटलियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए 56 करोड़ रुपये के कैटरिंग कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पाया कि कंपनी ने निविदा प्रक्रिया के दौरान लंबित आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं किया, जो टेंडर की शर्तों और भ्रष्टाचार विरोधी सिद्धांतों का उल्लंघन है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि IRCTC द्वारा आरके एसोसिएट्स को अनुबंध देने की प्रक्रिया निविदा दस्तावेजों के नियमों के विरुद्ध थी। कोर्ट ने कहा कि “आरके एसोसिएट्स को दिया गया अवार्ड पत्र निष्पक्षता और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।”
प्रतिद्वंद्वी कंपनी की आपत्ति बनी मामला
यह मामला तब सामने आया जब एमएस दीपक एंड कंपनी, जिसने 41 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, ने 17 अप्रैल, 2024 को इस कॉन्ट्रैक्ट को चुनौती दी। दीपक एंड कंपनी ने दलील दी कि आरके एसोसिएट्स ने 2015 में रेलवे अधिकारियों और अन्य निजी लाइसेंसधारियों के साथ दर्ज एक भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जानकारी नहीं दी थी।
हालांकि उस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक लगी हुई है, फिर भी बोली दस्तावेजों में दिए गए इंटीग्रिटी पैक्ट की धारा 2(g) और 3 के तहत, कंपनी के लिए यह जानकारी देना अनिवार्य था।
कोर्ट का सख्त रुख
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पिछले तीन वर्षों की समयसीमा, केवल धारा 5 के तहत लागू होती है, जबकि धारा 3 में सभी प्रकार के उल्लंघनों का खुलासा जरूरी है, चाहे वे कितने भी पुराने क्यों न हों। कोर्ट ने कहा कि आरके एसोसिएट्स द्वारा जानकारी छुपाने से IRCTC को कंपनी की विश्वसनीयता जांचने का उचित मौका नहीं मिला।
कोर्ट ने यह भी दोहराया कि सार्वजनिक संस्थाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाना बेहद जरूरी है और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सभी स्तरों पर सतर्कता बरती जानी चाहिए।
अगली प्रक्रिया के निर्देश
कोर्ट ने IRCTC को आदेश दिया है कि वह तीन महीने के भीतर नई निविदा प्रक्रिया शुरू करे। तब तक सेवा में व्यवधान न हो, इसलिए आरके एसोसिएट्स को अस्थायी रूप से काम जारी रखने की अनुमति दी गई है, जब तक कि नया कॉन्ट्रैक्ट आवंटित न हो जाए।