यवतमाल। BIG NEWS : “सपने वो नहीं जो सोते वक्त देखे जाते हैं, सपने वो हैं जो आपको सोने न दें।” इस विचार को साकार करते हुए महाराष्ट्र के यवतमाल की 26 वर्षीय अदीबा अनम अशफाक अहमद ने UPSC 2024 परीक्षा में 142वीं रैंक हासिल कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम की है। वह महाराष्ट्र की पहली मुस्लिम महिला IAS अधिकारी बनने जा रही हैं।
अदीबा का सफर संघर्ष, मेहनत और अटूट विश्वास का प्रतीक है। एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली अदीबा के पिता अशफाक अहमद पेशे से ऑटोरिक्शा चालक हैं और परिवार किराए के मकान में रहता है। आर्थिक चुनौतियों और सामाजिक बाधाओं के बावजूद अदीबा ने अपने सपनों के आगे कभी घुटने नहीं टेके।
उन्होंने जिला परिषद उर्दू स्कूल से पढ़ाई की और दसवीं में 94% तथा बारहवीं में 92.46% अंक हासिल किए। इसके बाद पुणे के अबेदा इनामदार कॉलेज से गणित में बीएससी किया। अपने सपने को साकार करने के लिए अदीबा ने पुणे की यूनिक अकादमी, मुंबई के हज हाउस और दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के कोचिंग सेंटरों में कठिन परिश्रम किया। पहले दो प्रयासों में असफलता के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2024 में तीसरे प्रयास में शानदार सफलता अर्जित की।
अपनी सफलता का श्रेय अदीबा अपने परिवार, विशेष रूप से अपने मामा और ‘सेवा’ एजुकेशनल फाउंडेशन को देती हैं, जिन्होंने उनके सपनों को पंख दिए। अदीबा का मानना है कि “कोई भी सपना असंभव नहीं होता, बस उसके लिए मेहनत और विश्वास जरूरी होता है।”
उनके पिता अशफाक अहमद ने गर्व के साथ कहा, “मेरी बेटी ने न सिर्फ हमारा, बल्कि पूरे समाज का नाम रोशन किया है।” अदीबा की यह उपलब्धि आज के युवाओं के लिए एक जीवंत प्रेरणा बन गई है कि सीमित संसाधनों और कठिनाइयों के बावजूद भी, शिक्षा और मेहनत के बल पर कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।