बेलगावी: VIRAL VIDEO : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। बेलगावी में 28 अप्रैल 2025 को कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ और मूल्य वृद्धि विरोधी रैली’ के दौरान उन्होंने गुस्से में एडिशनल सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (ASP) नारायण भरमनी पर हाथ उठाने का इशारा किया। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने उनकी कड़ी आलोचना की।
क्या हुआ था?
रैली के दौरान कुछ महिलाएं, जो कथित तौर पर बीजेपी कार्यकर्ता थीं, ने सिद्धारमैया के खिलाफ नारेबाजी की और काले कपड़े लहराए। इससे नाराज सिद्धारमैया ने मंच से ASP नारायण भरमनी को बुलाया और कड़े लहजे में पूछा, “ऐ, यहां आ, SP कौन है? तुम लोग क्या कर रहे हो?” इसके बाद उन्होंने गुस्से में ASP पर हाथ उठाने का इशारा किया, हालांकि उन्होंने वास्तव में थप्पड़ नहीं मारा। ASP ने तुरंत पीछे हटकर स्थिति संभाली। सिद्धारमैया ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश दिया।
विपक्ष का तीखा हमला:
जेडीएस: जनता दल (सेक्युलर) ने X पर वीडियो साझा करते हुए सिद्धारमैया पर “सत्ता के अहंकार” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पुलिस अधिकारी पर हाथ उठाना आपके पद की गरिमा के खिलाफ है। आपका कार्यकाल 5 साल का है, लेकिन एक अधिकारी 60 साल तक सेवा करता है। अपनी गलती सुधारें।”
बीजेपी: बीजेपी ने इसे “संस्थानों का अपमान” करार दिया। कर्नाटक बीजेपी प्रवक्ता विजय प्रसाद ने कहा, “यह अक्षम्य है। सिद्धारमैया को तुरंत माफी मांगनी चाहिए।” पूर्व केंद्रीय मंत्री बसनगौड़ा पाटिल ने इसे “अप्रत्याशित” और “असंवेदनशील” बताया। केंद्रीय मंत्री शोभा करांदलजे ने कहा, “यह लोकतंत्र में विरोध के अधिकार का हनन है। सिद्धारमैया का व्यवहार शर्मनाक है।”
बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि सिद्धारमैया की यह हरकत उनकी हालिया टिप्पणी से उपजे विवाद से ध्यान हटाने की कोशिश है, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान युद्ध को अंतिम उपाय बताया था।
कांग्रेस का बचाव और जवाबी हमला:
कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बीजेपी को चेतावनी दी, “ऐसे कृत्यों से बाज आएं, वरना कर्नाटक में आपके किसी भी आयोजन को नहीं होने देंगे।” सिद्धारमैया ने अपनी स्पीच में कहा, “बीजेपी और आरएसएस इस तरह शांति भंग करते हैं। हम उनके डर से रुकने वाले नहीं।” AICC महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और कानून मंत्री एचके पाटिल ने सिद्धारमैया को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे गुस्से में ही रहे।
पहले भी विवाद: यह पहली बार नहीं है जब सिद्धारमैया ऐसी हरकत के कारण चर्चा में हैं। 2023 में उन्होंने बेंगलुरु में एक समर्थक को थप्पड़ मारा था, और एक अन्य घटना में माइक छीनने के दौरान एक महिला का दुपट्टा खींच लिया था।
सिद्धारमैया की इस हरकत ने उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया है और विपक्ष को उन पर हमला करने का मौका दिया है। बीजेपी और जेडीएस ने इसे सत्ता के दुरुपयोग और अहंकार का प्रतीक बताया है। दूसरी ओर, कांग्रेस इसे बीजेपी की सुनियोजित रणनीति करार दे रही है। इस घटना ने कर्नाटक की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है, और यह देखना बाकी है कि सिद्धारमैया इस विवाद से कैसे उबरते हैं।