नई दिल्ली। दुनिया भर में कोरोना वायरस के वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। तमाम देश वैक्सीन बनाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। इस बीच कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेल रहे अमेरिका से बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अमेरिका में कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम के प्रमुख मोन्सेफ सलौई ने कहा है कि 11-12 दिसंबर को पहली वैक्सीन लगाई जा सकती है।
शुक्रवार को अमेरिकी फार्मास्यूटिकल दिग्गज फाइजर (Pfizer) और उसके जर्मन पार्टनर बायो एनटेक (BioNTech) ने अपनी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) में आवेदन किया था, जिसपर 10 दिसंबर को परामर्श समिति की बैठक होनी है।
बता दें कि अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर ने जर्मनी की बायोएनटेक के साथ मिलकर यह वैक्सीन बनाई है। फाइजर ने कोरोना वायरस के खिलाफ 95 फीसद असरदार टीका विकसित किया है। फाइजर दुनिया की उन पहली दवा कंपिनयों में से हैं जिन्होंने फेज 3 की स्टडी के अंतरिम नतीजे जारी किए हैं।
मोन्सेफ सलौई ने सीएनएन को बतया, ‘हमारी योजना है कि वैक्सीन की मंजूरी मिलने के 24 घंटे के भीतर वैक्सीन को उन जगहों पर पहुंचाया जा सके, जहां टीकाकरण का काम होगा। इसलिए मुझे उम्मीद है कि 11-12 दिसंबर तक ऐसा हो सकता है।’ सलौई ने कहा कि अगर एफडीए द्वारा मंजूरी मिल जाती है, तो वैक्सीन लगाने का काम अगले दिन से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मई तक देश के उन सभी लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी जिसको इसकी जरूरत है।
अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में पहले नंबर पर है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 12 मिलियन (1.2 करोड़) से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और अबतक लगभग 2 लाख 55 हजार लोगों की मौत हुई है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने चेतावनी दी है कि देश भर में कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सीडीसी ने अमेरिकियों से आग्रह किया है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 26 नवंबर को थैंक्स गिविंग के लिए बाहर जाने से बचें।एक अनुमान के मुताबिक पिछले साल लगभग 26 मिलियन (2.6 करोड़) लोगों ने इस दौरान यात्रा की थी।