रायपुर। यह ऐसी सच्चाई से जिससे इंकार नहीं किया जा सकता। ठंड के शुरूआती दिनों से बार-बार आगाह किया गया था कि कोरोना संक्रमण को इससे विस्तार मिलेगा। अब हो भी रहा है। महज 7 दिनों के सरकारी आंकड़े ही इस बात के गवाह हैं कि प्रदेश मेें दिवाली से पहले तक नए मरीजों की तुलना में स्वस्थ होने की वालों की संख्या ज्यादा थी। अब इसके उलट स्वस्थ होने वाले मरीजों के आंकड़े कम होते जा रहे हैं, तो नए मरीज ज्यादा मिलने लगे हैं।
प्रदेश की राजधानी रायपुर में जहां नए मरीजों की संख्या एकदम से नीचे चली गई थी, अब रोज दिन बढ़ने लगे हैं। वहीं कोरोना की वजह से हो रही मौत के आंकड़ों में भी निरंतरता बरकरार है। इन्हीं सात दिनों यानी 16 नवंबर से 22 नवंबर के आंकड़ों की तरफ नजर डाले तो करीब 100 लोगों की और मौत हो गई है। इस तरह प्रदेश में अब तक 2732 लोगों की मौत हो चुकी है।
हालात बद से बदतर ना हो, इसलिए दूसरे प्रदेशों में अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भले ही लाॅक डाउन को लेकर कहीं भी सहमति नहीं बनी है, लेकिन पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में सख्ती का दौर शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ की स्थिति मध्यप्रदेश से कहीं ज्यादा खराब है, इसके बावजूद जिस तरह की लापरवाही सामने आ रही है, वह आने वाले कल के लिए चिंताजनक और गंभीर है।