रायपुर। CG NEWS : राजधानी रायपुर से महज 18 किलोमीटर दूर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र धरसींवा-सिलतरा में शुक्रवार को एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। सम्भव स्टील में श्रम विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दर्जन भर बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया। यह कार्रवाई प्रदेश के औद्योगिक विकास के पीछे छिपे शोषण की भयावह तस्वीर को सामने लाती है।
श्रम विभाग को गोपनीय सूचना मिली थी कि *सम्भव स्टील* में अवैध रूप से नाबालिगों से काम कराया जा रहा है। इस पर विभाग ने धरसींवा पुलिस के साथ मिलकर फैक्ट्री पर दबिश दी। मौके पर 14 वर्ष तक के कई बच्चे कार्य करते पाए गए। सभी बच्चों को तुरंत रेस्क्यू कर माना स्थित *सम्प्रेक्षण गृह* में भेज दिया गया।
जाली दस्तावेजों से छिपाया गया सच
फैक्ट्री प्रबंधन का दावा था कि सभी श्रमिकों को आधार कार्ड देखकर ही काम पर रखा गया है, लेकिन श्रम अधिकारियों ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। *श्रम अधिकारी संजय निराला* ने कहा, “बच्चों की उम्र उनकी आंखों और चेहरे पर साफ झलकती है। आधार कार्ड दिखाकर मासूमों से काम कराना न केवल गैरकानूनी, बल्कि अमानवीय भी है।” उन्होंने इस मामले में जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की जांच के संकेत दिए हैं।
बिहार-झारखंड से लाए गए थे बच्चे
जांच में यह भी सामने आया कि अधिकांश बाल श्रमिक झारखंड और बिहार जैसे दूरदराज के राज्यों से लाए गए थे, संभवतः उन्हें अच्छे भविष्य का सपना दिखाकर। एक स्थानीय बच्चा भी इस शोषण का शिकार बना। बच्चों को सुरक्षित आश्रय देने के साथ श्रम विभाग उनके परिजनों से संपर्क की कोशिश कर रहा है।
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
अब फैक्ट्री प्रबंधन और संबंधित ठेकेदारों पर *बाल श्रम निषेध अधिनियम, धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया जा रहा है। श्रम विभाग ने इस केस को फास्ट ट्रैक में चलाने की बात कही है ताकि दोषियों को जल्द और कड़ी सजा दी जा सके।
क्या बोले जिम्मेदार?
> नीलेश कुमार सोनी, HR हेड, सम्भव स्टील
> “मैं इस मामले पर ज्यादा नहीं बोल सकता, क्योंकि सभी श्रमिक ठेकेदारों के माध्यम से लाए गए थे। हमने आधार कार्ड के आधार पर ही नियुक्ति की है।”
> संजय निराला, क्षेत्रीय अधिकारी, श्रम विभाग
> “गोपनीय सूचना पर कार्यवाही की गई। दर्जन भर बच्चों को मुक्त कर सम्प्रेक्षण गृह भेजा गया है। प्रबंधन और ठेकेदारों पर सख्त कार्यवाही होगी।”
> राजेन्द्र दीवान, थाना प्रभारी, धरसींवा
> “संयुक्त दबिश में बच्चों को मुक्त किया गया है। श्रम विभाग की शिकायत पर अब प्रबंधन और ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।”